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०, , , , स्कोर्स क्या है ?, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, , की शिकायत निवारण प्रणाली (स्कोर्स) नामक एक वेब-आधारीय केंद्रीकृत , शिकायत निवारण प्रणाली है।(॥1(9://5८०१०५.७०७.॥०) स्कोर्स के माध्यम, से निवेशक अपनी शिकायतें दर्ज करने में और अपनी शिकायतों के बारे में, आगे पूछताछ करने में और उपरोक्त वेबसाइट से ऑन-लाइन ही कहीं से भी, ऐसी शिकायतों के निवारण कौ स्थिति देखने में समर्थ होंगे । इससे बाजार, मध्यवर्तियों (मार्केट इंटरमीडियरीज़) तथा सूचीबद्ध (लिस्टिड) कंपनियों द्वारा, ऑन-लाइन ही अपने खिलाफ निवेशकों से शिकायतें प्राप्त की जा सकेंगी,, ऐसी शिकायतों का निवारण किया जा सकेगा और ऑन-लाइन ही निवारण, की रिपोर्ट दी जा सकेगी । शिकायत को दर्ज किये जाने से लेकर भारतीय, प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा शिकायत को बंद किये जाने तक की सभी, गतिविधियाँ ऑन-लाइन ही स्वचालित होंगी और प्रत्येक शिकायत की स्थिति, भी उपरोक्त वेबसाइट पर किसी भी समय ऑन-लाइन ही देखी जा सकती है ।, जो निवेशक स्कोर्स से परिचित नहीं है या जो स्कोर्स तक पहुंच नहीं रख पाता, है, वह लिखित में शिकायतें दर्ज कर सकता है। हालाँकि, ऐसी शिकायतों, को स्कैन किया जायेगा और कार्यवाही के लिए स्कोर्स पर डाला (अपलोड, किया) जायेगा ।, , स्कोर्स की मुख्य विशेषताएँ नीचे प्रस्तुत हैं :, , » स्कोर्स वेब आधारीय है और जिस तक हर समय (24 )६ 7) पहुंच, उपलब्धहै ;, , ० उपरोक्त वेबसाइट पर किसी भी समय ऑन-लाइन ही कहीं से भी, शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं और उनके अनुस्मारक (रिमाइंडर), भेजे जा सकते हैं ;, , » शिकायत की प्राप्ति की और भविष्य में उसके संदर्भ हेतु तथा उसके बारे में, जानने हेतु शिकायतकर्ता को एक विशिष्ट शिकायत रजिस्ट्रीकरण संख्या, आबंटित किये जाने की सूचना तत्काल ही ई-मेल से चली जाती है;, , ». ऑन-लाइनही शिकायत संबंधित एंटिटी के यहाँ निवारण हेतु पहुंच जाती है ;, » संबंधित एंटिटी शिकायत के संबंध में कार्रवाई-रिपोर्ट (एटीआर), डालताहै;, , » भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड कार्रवाई-रिपोर्ट (एटीआर) का, अवलोकन करता है और शिकायत को तभी बंद करता है जब इसका, यह समाधान हो जाता है कि शिकायत का निवारण पर्याप्त रूप से कर, लिया गया है ;, , » संबंधित निवेशक वेबसाइट से ऑन-लाइन ही विशिष्ट शिकायत, रजिस्ट्रीकरण संख्या डालकर शिकायत की स्थिति देख सकता है ;, , « संबंधित एंटिटी तथा संबंधित निवेशक उस शिकायत के संबंध में ऑनलाइन ही स्पष्टीकरण एक दूसरे से मांग सकते हैं / एक दूसरे को दे, सकते हैं;, , « प्रत्येकशिकायतका पूरा रिकॉर्ड (ऑडिट-ट्रेल) रहता है और, , «» सभी शिकायतें केंद्रीय डाटबेस में सुरक्षित रहती हैं, जिससे संबद्ध, एमआईएस रिपोर्टे निकाली जा सकती हैं ताकि भारतीय प्रतिभूति और, विनिमय बोर्ड उपयुक्त नीतिगत निर्णय लेने में और / या सुधारात्मक, कार्रवाइयाँ करने में समर्थ हो सके ।, , स्कोर्स में शिकायत कैसे दर्ज करें ?, , स्कोर्स पोर्टल पर ऑन-लाइन शिकायत दर्ज करने के लिए, "इन्वेस्टर कॉर्नर", के अंतर्गत "कम्प्लेण्ट रजिस्ट्रेशन" पर क्लिक करें | शिकायत रजिस्ट्रीकरण, (कम्पलेण्ट रजिस्ट्रेशन) फॉर्म में व्यक्तिगत ब्यौरे तथा शिकायत के ब्यौरे होते, हैं। इस फॉर्म में कुछ ऐसे खाने भी ह्लेते हैं जिन्हें अनिवार्यत: भरना होता है।, इनखानों में शामिल हैं - निवेशक का नाम, पत्राचार का पता, राज्य, ई-मेल।, इसके अलावा, शिकायतकर्ता को शिकायत की श्रेणी, एंटिटी का नाम,, शिकायत का घ्वरूप कि वह किससे संबंधित है, को चुनना होगा, और, शिकायत के संक्षिप्त ब्यौरे (1000 अक्षरों तक) दर्ज करने होंगे । एक, पीडीएफ रूपी दस्तावेज (प्रत्येक स्वरूप की शिकायत हेतु 1 एमबी के, आकार तक का) भी शिकायत के साथ समर्थक दस्तावेज के तौर पर लगाया, जा सकता है । शिकायत को सफलता से प्रस्तुत कर दिये जाने पर, सिस्टम, सै जनित विशिष्ट रजिस्ट्रीकरण संख्या (यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर) स्क्रीन पर, प्रदर्शित हो जायेगी, जिसे भविष्य में पत्राचाग के लिए नोट कर लिया जाना, चाहिए । शिकायत की प्राप्ति सूचना का ई-मेल शिकायत रजिस्ट्रीकरण, , संख्या के साथ शिकायतकर्ता के ई-मेल आईडी, जो शिकायत रजिस्ट्रीकर ण, फॉर्म में दर्ज किया गया हो, पर भी भेज दिया जायेगा ।, , शिकायत पर अपना जवाब देने में एंटिटी कितना समय लेती है ?, , सामान्यत:, शिकायत का जवाब शिकायत्त की प्राप्ति के बाद कुछ दिनों के, भीतर दे दिया जायेगा । एंटिटियों से यह अपेक्षित है कि वे ययोचित अवधि, के भीतर, किन्तु अधिकतम 30 दिनों के भीतर, की गई कार्रवाई संबंधी, रिपोर्ट प्रस्तुत करें । हालाँकि, शिकायत के निवारण में विभिन्न कारणों से, देरी हो सकती है, जैसे कि एंटिटी से संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होना, एंटिटी /, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा निवेशक से मांगी गयी जानकारी /, मांगे गये दस्तावेजों का प्राप्त न होना, न्यायालय का मामला, एंटिंटी का पता न, चल रहा हो या गायब कंपनियाँ, आदि-आदि ।, , शिकायत पर कार्यवाही करने में क्या सीमाएँ हैं ?, , कभी-कभार शिकायत का निपटारा सफलता से हो जाता है । लेकिन कुछ, मामलों में, एंटिटी या कंपनी अपनी गलती को स्वीकार नहीं करती और यह, स्पष्ट नही हो पाता कि कौन गलत है या फिर कोई गलती हुईं भी थी या नहीं ।, यदि ऐसा होता है, तो भारतीय प्रतिभूति और बिनिमय बोर्ड शिकायत का, निपटारा करने के लिए एक न्यायाधीश या एक मध्यस्थ का कार्य नहीं कर, सकता और न ही एंटिटी या कंपनी को शिकायत के निवारण के लिए मजबूर, कर सकता है । यही नहीं, बल्कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, शिकायतकर्ता के निजी प्रतिनिधि या अटर्नी का कार्य भी नहीं कर सकता ।, अगर किसी निवेशक के साथ किसी प्रकार का कोई अन्याय हुआ हो, तो, इसके लिए प्रतिभूति (सिक्यूरिटीज़) संबंधी कानून तथा अन्य कानून हैं, जिनके तहत महत्त्वपूर्ण कानूनी अधिकारों तथा उपायों के प्रावधान हैं ।, निवेशक खुद से भी न्यायालयों, उपभोक्ता न्यायालयों या माध्यस्थम्, (आर्बिट्रेशन) के जरिये अपनी शिकायत के निपटारे की मांग कर सकते हैं ।, , कोई मामला माध्यस्थम् (आर्बिट्रेशन) के लिए कब भेजा जा, सकता है ?, , यदि शिकायत का निवारण विवादों की वजह से स्टॉक एक्सचेंज / निक्षेपागार, द्वारा नहीं किया जाता है, तो ऐसे में निवेशक एक्सचेंज / निक्षेपागार की उप