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योग में अनुसंधान विधियाँ एवं सांख्यिकी 1 ४ 505, , इकाई -1 अनुसंधान का अर्थ, परिभाषा एवं क्षेत्र, इकाई की संरचना, , 1.1... प्रस्तावना, , 1.2 उद्देश्य, , 1.3 अनुसंधान का अर्थ, , 1.4 अनुसंधान की परिमभाषाएँ, , 1.5 अनुसंधान का क्षेत्र, 1.6 योग में अनुसंधान की संभावनाएँ एवं क्षेत्र, , 1.7 योग में अनुसंधान की आवश्यकता।, 1.8. सारांश, , 1.9. शब्दावली, , 1.10. सन्दर्भ ग्रन्थ, , 1.11. निबंधात्मक प्रश्न, , , , , , , , , , 1.1 प्रस्तावना, , अपने जीवन में हम सभी विभिन्न अखबारों, पत्रिकाओं में इंटरनेट, विभिन्न टीवी एवं रेडियो, चैनलों आदि पर विज्ञान, वैज्ञानिक एवं उनसे संबंधित आविष्कार, खोज, अन्वेषण सिद्धान्त,, आदि शब्दों के बारे में सुनते रहते हैं एवं हमारे मनों में सहज ही ये जिज्ञासा होती हैं कि, के ये कार्य किस प्रकार संभव होते हैं एवं इनके होने की प्रक्रिया क्या है? दूसरे शब्दों में, कहें तो आज हमारे सामने नित्य ही नयी नयी वस्तुयें निर्मित होकर आती रहती हैं एवं उन्हें, उपयोग कर लेने के अलावा उनके बारे में हम कुछ नहीं जान पाते हैं, पर जब भी हम, इनकी कार्य प्रक्रिया की ओर अपना ध्यान आकर्षित करते हैं, हम आश्चर्य चकित रह जाते, हैं कि इसके निर्माण के पीछे कितना श्रम, समय, एवं धन लगाया गया होगा, तथा हम यह, सोचने लगते हैं कि इस आश्चर्य जनक कृति के निर्माण में कितना बौद्धिक कौशल लगाया, गया होगा, बुद्धि द्वारा कैसा ताना बाना बुना गया होगा। हमारे शिक्षक इस बौद्धिक कौशल, एवं बुद्धि के ताने-बाने को विज्ञान का विषय मानते हैं। इस प्रकार के सभी कार्यों को, विज्ञान की उपज माना जाता है एवं इसे क्रियान्वित करने वालों को वैज्ञानिक कहा जाता, है। भौतिकी के क्षेत्र में इस प्रकार का कार्य करने वालों को भौतिक विज्ञानी, रसायनों के, क्षेत्र में रसायन विज्ञानी, जीव-जन्तु से संबंधित क्षेत्र में जीवविज्ञानी एवं जन्तु विज्ञानी कहा, जाता है। इसी प्रकार मनोविज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले को मनोवैज्ञानिक कहते हैं।, ज्ञान के किसी भी क्षेत्र के वैज्ञानिक हों उन सभी के इस प्रकार के कार्यों के पीछे एक, , , , , , उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय 1
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योग में अनुसंधान विधियाँ एवं सांख्यिकी 1 ४ 505, व्यवस्थित प्रक्रिया काम करती है। इस प्रक्रिया को ही अनुसंधान, शोध, एवं रिसर्च की संज्ञा, दी जाती है। इस प्रक्रिया को जान लेने के बाद इसका उपयोग योग के क्षेत्र में अर्थात्, योग विषय से संबंधित विभिन्न प्रकार की सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक समस्याओं को सुलझाने, एवं उनका हल ढूँढ़ने में कर सकते हैं। इस इकाई के अन्तर्गत आप को इसी अनुसंधान का, अर्थ, परिभाषा एवं इसके क्षेत्र तथा योग में इसकी संभावना एवं प्रासंगिकता के बारे में, व्यापक जानकारी दी जा रही है।, , , , , , 1.2 उद्देश्य, इस इकाई को पढ़ने के बाद आप1. अनुसंधान के अर्थ को समझ सकेंगे।, अनुसंधान की परिभाषाओं के बारे में लिख सकेंगे।, अनुसंधान के क्षेत्र का व्यापक वर्णन कर सकेंगे।, योग में अनुसंधान के स्वरूप को समझ सकेंगे।, योग में अनुसंधान की सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक उपयोगिता का विश्लेषण कर, सकेंगे।, , , , हुए के हुए [छि, , , , 1.3 अनुसंधान का अर्थ, , मानव के विकास का इतिहास वास्तव में, अनुसंधान के विकास का इतिहास है। मनुष्य की, जिज्ञासा एवं सत्य को जानने की प्रवृत्ति ने अनुसंधान के रथ पर आरूढ़ होकर पाषाण युग, से लेकर आधुनिक युग तक की यात्रा सम्पन्न की है। यह यात्रा कभी न समाप्त होने वाली, अनादि से अनन्त तक की महायात्रा है। अतः अनुसंधान का अर्थ, स्वरूप एवं प्रक्रिया का, अध्ययन एक अनिवार्य आवश्यकता है।, , , , अनुसन्धान जिसे अंग्रेजी भाषा में रिसर्च (1२८४९७८॥) कहा जाता है। यह वास्तव में, फांसीसी भाषा के रिचर्च (२९८८४९०८॥७) शब्द से बना है, जिसका अर्थ है देखना, खोज, करना, सब दिशाओं में जाना, आदि। इस दृष्टिकोण से अनुसन्धान का अर्थ हुआ नये ज्ञान, की खोज करना। अनुसन्धान शब्द के कई पर्यायवाची हिन्दी भाषा में मिलते हैं जिनमें शोध,, अन्वेषण एवं गवेषण प्रमुख हैं। इनमें भी शोध शब्द का व्यवहार अधिक किया जाता है।, शोध शब्द का व्यवहार सबसे पहले ऐतिहासिक अनुसन्धान के प्रसंग में किया गया। अतीत, की ऐतिहासिक घटनाओं की खोज करने की जिज्ञासा ने शोध-कार्य को जन्म दिया।, , अनुसन्धान का अर्थ किन्हीं प्रश्नों अथवा समस्याओं को वैज्ञानिक आधार पर उत्तर खोजना, है। वैज्ञानिक पद्धति के प्रयोग के आधार पर इस बात की सम्भावना बढ़ जाती है कि प्राप्त, सूचना पूछे गये प्रश्नों के अनुरूप तथा पर्याप्त मात्रा में विश्वसनीय, वैध एवं पक्षपात रहित, है। यद्यपि यह सत्य है कि किया जाने वाला अनुसंधान इस बात की काई गारण्टी नहीं, देता है कि प्रत्येक स्थिति में यह सूचना प्रासंगिक, विश्वसनीय, वैध एवं पक्षपात रहित ही, होगी, तथापि वैज्ञानिक पद्धति ही हमारे पास एक ऐसा साधन है-जिसके आधार पर, उपर्युक्त लक्ष्यों की पूर्ति अधिकतम रूप से की जा सकती है। वैज्ञानिक पद्धति में निरीक्षण,, , , , उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय 2
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योग में अनुसंधान विधियाँ एवं सांख्यिकी 1 ४ 505, आगमन-निर्गमन तक, व्यक्ति निरपेक्ष विधियों से परीक्षण एवं मूल्यॉकन निहित हैं। व्यक्ति, निरपेक्षता वैज्ञानिक पद्धति की आधारशिला है।, , अनुसंधान की कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं दी जा सकती। सामान्यतः अनुसन्धान का अर्थ, किसी समस्या के निराकरण के लिए व्यक्ति निरपेक्ष विधियों के आधार पर समस्या का, प्रासंगिक, विश्वसनीय, वैध तथा पक्षपात रहित उत्तर खोजना है।, , , , , , 1.4 अनुसंधान की परिभाषाएँ, , भिन्न भिन्न वैज्ञानिकों ने शोध की परिभाषा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देने का प्रयास किया है।, ड्रेवर (1955) के अनुसार किसी नये ज्ञान की खोज अथवा किसी पुराने ज्ञान के पुष्टिकरण, के लिये किये गये व्यवस्थित प्रयास को शोध कहते हैं।, , उनके शब्दों में 'शोध का तात्पर्य किसी क्षेत्रा में ज्ञान या पुष्टिकरण के लिए किया गया, व्यवस्थित अनुसंधान है।', , पी. वी. यंग (2001) ने भी शोध शब्द की खोज अथवा पुराने ज्ञान के पुष्टिकरण के अर्थ में, परिभाषित किया है। उनके अनुसार, 'शोध एक ऐसी व्यवस्थित विधि है, जिसके द्वारा नये तथ्यों की खोज तथा पुराने तथ्यों की, पुष्टि की जाती है, और उनके अनुकमों, परस्पर संबंधों, कारणात्मक व्याख्याओं एवं प्राकृतिक, नियमों, जो उन्हें संचालित करते हैं, का अध्ययन किया जाता है।', , बेस्ट एवं काहन (1992) के अनुसार, 'शोध किसी नियंत्रित प्रेक्षण का कमबद्ध एवं वस्तुनिष्ठ अभिलेख एवं विश्लेषण है जिसके, आधार पर सामान्यीकरण, नियम या सिद्धान्त विकसित किया जाता है तथा जिससे बहुत, सारी घटनाओं, जो किसी खास किया के परिणाम को नियंत्रित करती हैं उनके बारे में, पूर्वकथन किया जाता है।, , , , 'करलिंगर (1986) के अनुसार, स्वाभाविक घटनाओं का कमबद्ध नियंत्रित, आनुभाविक एवं आलोचनात्मक अनुसंधान जो, घटनाओं के बीच कल्पित संबंधों के सिद्धान्तों एवं परिकल्पनाओं द्वारा निर्देशित होता है, को, वैज्ञानिक शोध कहा जाता है।', , थियोडॉर्सन एवं थियोडॉर्सन (1969) के अनुसार, “किसी समस्या के व्यवस्थित अध्ययन करने या किसी समस्या से संबंधित ज्ञान को बढ़ाने, के निष्पक्ष प्रयास को शोध कहा जा सकता है।, , करलिंगर (1964, 2002) के द्वारा शोध के संदर्भ में दी गयी परिभाषा अधिक समग्र, स्पष्ट, तथ संतोषजनक है। उनके अनुसार, , , उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय 3
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योग में अनुसंधान विधियाँ एवं सांख्यिकी 1 ४ 505, वैज्ञानिक शोध, प्राकृतिक घटनाओं क॑ बीच अनुमानित सम्बन्धों की खोज हेतु निर्मित, परिकल्पनाओं का व्यवस्थित, नियंत्रित, आनुभाविक तथा आलोचनात्मक अनुसंधान है।, , स्पष्ट है कि विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने अनुसंधान शब्द को विभिन्न रूपों में परिभाषित, करने का प्रयास किया है। सभी परिभाषायें अपने आप में संतोषजनक तथा एक दूसरे की, पूरक हैं। फिर भी, व्यवहारिक रूप से करलिंगर की परिभाषा अधिक समग्र तथा, संतोषजनक है।, , , , वैज्ञानिक शोध का स्वरूप या विशेषतायें ( 'षिज्लापा९ 0+ लाब्राबलशांश्रीं25$ ०, $लंशाजी( 7९४९काटा), , वैज्ञानिक शोध के स्वरूप अथवा इसकी विशेषताओं के संबंध में किये गए अध्ययनों से, निम्नलिखित बातों का उल्लेख मिलता है ।, (1) अन्वेषण प्रकिया - वैज्ञानिक शोध की एक मुख्या विशेषता यह है कि यह अनुसंधान, की एक पद्धति है। यह विशेषता अन्य शोधों जैसे कि मनोवैज्ञानिक अथवा यौगिक शोध में, भी उपलब्ध है। यह एक ऐसी प्रकिया है, जिसके द्वारा अन्वेषण या अनुसंधान किया जाता, है। इस अन्वेषण या अनुसंधान के दो उद्देश्य होते हैं। पहला यह कि इसके द्वारा नये, ज्ञान की खोज की जाती है। जेम्स ड्रेवर , बेस्ट एवं काहन, एम मोहसिन एवं पी.वी.यंग., आदि ने स्पष्ट शब्दों में इस विचार का समर्थन किया है और कहा है कि शोध या, अनुसंधान कभी-कभी नये ज्ञान की खोज के लिए किया जाता है और कभी पुराने ज्ञान की, जॉच के लिए।, , (2) अनुसंधान में सुव्यवस्था का गुण पाया जाता है, , शोध एक व्यवस्थित एवं कमबद्ध अध्ययन है। व्यवस्थित या कमबद्ध अध्ययन का अर्थ यह है, कि अनुसंधानकर्ता पहले प्राकृतिक घटनाओं के बीच सम्बंधों के बारे में परिकल्पना या, परिकल्पनाओं का निर्माण करता है तथा आवश्यक उपकरणों तथा यत्रों की सहायता से, उनकी जॉच करके सिद्धान्त एवं नियम की स्थापना करता है। इस विचार की पुष्टि अनेक, वैज्ञानिकों ने की है।, , (3) अनुसंधान आनुभाविक भी होता है, , कतिपय अनुसंधानों में आनुभाविकता की विशेषता भी पाई जाती है। यह एक ऐसा अध्ययन, होता है जो अनुभव पर आधारित होता है। यह अध्ययन शोधकर्ता व्यवस्थित ढंग से, निरीक्षणों या प्रयोगों के आधार पर करता है। जैसे- आइजेक न्यूटन के साथ एक दिन एक, सामान्य घटना घटी उन्होंने ने एक सेब के वृक्ष के नीचे विश्राम के दौरान सेब को नीचे, गिरते देखा। इससे उनके मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि पेड़ के फल नीचे ही क्यों गिरते, हैं? यह जिज्ञासा उनके समक्ष एक समस्या थी जिसके समाधान हेतु उन्होंने जॉचनीय, परिकल्पना का निर्माण किया कि 'ऊपर से छोड़ी गयी वस्तुयें सदैव नीचे ही गिरती हैं', इसकी जॉच करने पर उन्होंने पाया कि धरती के किसी भी कोने में क्यों न चले जायें, ऊपर से छोड़ी गयी वस्तुयें धरती के आकर्षण के कारण नीचे ही गिरती हैं। इस व्यवस्थित, एवं प्रयोगात्मक अध्ययन से उन्होंने गुरूत्वाकर्षण के सिद्धान्त को खोज निकाला।, , , , उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय 4
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योग में अनुसंधान विधियाँ एवं सांख्यिकी 1 ४ 505, (4) वेज्ञानिक अनुसंधान में नियंत्रण को विशेषता पायी जाती है, , करलिंगर के अनुसार एक वैज्ञानिक शोध में नियंत्रण की विशेषता पाई जाती है। यहाँ जो, अध्ययन किया जाता है वह नियंत्रित होता है। इस नियंत्रण से तात्पर्य शोध हेतु निर्धारित, अध्ययन परिस्थिति, दशाओं , व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों, कमियों आदि पर नियंत्रण से होता है।, परन्तु अलग--अलग शोध उद्देश्यों के आधार पर इस नियंत्रण की मात्रा भी भिन्न प्रकार, की होती है। यह नियंत्रण की विशेषता सभी शोधों में नहीं पायी जाती है, जैसे कि, घटनोत्तर शोध, सर्वेक्षण शोध और कियात्मक शोध।, , (5) वैज्ञानिक शोधों आलोचनात्मक प्रकार की भी होती हैं।, , जब वैज्ञानिक शोध के अन्तर्गत आलोचनात्मक दृष्टिकोण से कोई अध्ययन किया जाता है, तब उसमें तर्क प्रचुर मात्रा में विद्यमान होता है। यह विशेषता अन्वेषणात्मक अनुसंधान तथा, पुष्टिकारक अनुसंधान दोनों में ही पाई जाती है। किन्तु पुष्टिकारक शोध में इस विशेषता, की प्रधानता होती है। एक शोधकर्ता दूसरे शोधकर्ता द्वारा प्राप्त परिणाम या ज्ञान के आधार, पर उस परिणाम या ज्ञान का समर्थन करता है या खंडन करता है और नया ज्ञान प्रस्तुत, करता है।, , , , (6) वैज्ञानिक शोध में उपकरणों की आवश्यकता होती है, , वैज्ञानिक अनुसंधानों में कई बार चरों के मापन की आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के, लिए यदि योग के अन्तर्गत कोई व्यक्ति "नाड़ी शोधन प्राणायाम के अभ्यास का चिंता स्तर, पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन' विषय पर अनुसंधान करना सुनिश्चित करता है तो उसे, इस शोध में चिंता के मापन की आवश्कता पड़ेगी। ऐसी दशा में उसे चिंता का मापने करने, वाले किसी उपकरण का उपयोग करना होगा। आधुनिक समय में चिंता का मापन कई, प्रकार से किया जा सकता है। मनोवैज्ञानिक शोधों के अन्तर्गत मनोवैज्ञानिक चिंता के मापन, के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षणों, प्रश्नावलियों आदि का प्रयोग करते हैं वहीं मेडिकल रिसर्च, में शोधकर्ता जी.एस.आर. बायोफीडबैक अथवा अल्फा बायोफीडबैक उपकरण का प्रयोग, करते हैं।, , (7) वैज्ञानिक शोध में वैज्ञानिक अभिकल्प का प्रयोग किया जाता है।, , वैज्ञानिक शोध में वैज्ञानिक अभिकल्प का व्यवहार किया जाता है। इसका अर्थ यह है, शोधकर्ता या अनुसंधानकर्ता अपने शोध के उद्देश्य के अनुकूल एक योजना अथवा स्कीम, बनाता है जिसमें अनुसंधान कैसा किया जायेगा, अनुसंधान में ऑकड़ों के संग्रहण की क्या, प्रकिया होगी। ऑकड़ा संग्रहण हेतु किस प्रकार के उपकरणों, विधि अथवा परीक्षणों का, प्रयोग किया जायेगा। आंकड़ों का विश्लेषण कैसे किया जायेगा आदि सम्मिलित होता है।, , (8) वैज्ञानिक शोध में वस्तुनिष्ठता का गुण पाया जाता है, , वैज्ञानिक शोध में वस्तुनिष्ठता की विशेषता पायी जाती है। यह विशेषता योग अनुसंधानों में, भी पायी जाती है। वस्तुनिष्ठ अध्ययन से तात्पर्य उस अध्ययन से है जिसमें शोधकर्ता किसी, , , , उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय 5