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अभ्यास प्रश्नपत्र (202-22 प्रथम सत्र), कक्षा 40 हिंदी अ (002), , सामान्य निर्देश, » इस प्रश्नपत्र मैं तीन खंड हैं- खंड-क, खंड-ख और खंड-ग |, , *« इस प्रश्नपत्र मैं कुल दस वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नोँ मैं उपप्रश्न दिए गए हैं।, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।, , *« खंड-क मेँ कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 0, प्रश्नों के उत्तर दीजिए।, , * खंड-ख मैं कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 6, प्रश्नों के उत्तर दीजिए।, , * खंड-ग मैं कुल 4 प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।, , * सही उत्तर वाले गोले को अली प्रकार से केवल नीली या काली स्याही वाले बॉल पॉइंट पेन, से ही औ.एम.आर. शीट मेँ भरें।, , खंड - क, (अपठित अंश) अंक-0, . नीचे डो अपठित गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गदयांश को ध्यानपूर्वक पढिए और उस पर, आधारित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- 49555, , माँसम में बदलाव व भीषण बीमारियाँ के फैलने से चिंतित होकर वैज्ञानिकों ने खोज की तो, उन्होंने प्रदूषण को इसका एकमात्र कारण पाया। यह समस्या विश्व-व्यापी है। कल-कारखानों, बढ़ते, वाहनों की संख्या, पेड़-पौँधों की अंधाधुंध कटाई और विकास के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ के, कारण प्रदूषण की समस्या विकराल हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय प्रदूषण को रोकने के लिए, प्रयासरत है, परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि सारे काल-कारखाने बंद कर दिए जाए, या सभी, वाहनों को रोक दिया जाए और हम पुन; पाषाण काल में लौट जाएँ और विज्ञान की प्रगति को, ताक पर रख दैं। समस्या का हल विकास को रोकने मेँ नहीं बल्कि युक्तिसंगत उपाय खोजने मेँ, है । प्रकृति से लालमेल बनाकर धरा को हरा-भरा रखें, प्रकृति के भंडार का समुचित उपयोग करें, और पर्यावरण का संरक्षण करें। पर्यावरण हमारा पालनकर्ता और जीवनहार है। पेड़-पौँधे और पशुपक्षी हमारे सहायक हैं। पार्क, बाग-बगीचे शहर के हृदय स्वरूप हैं। प्रदूषण रोकने मैं सभी लोगों, के सहयोग की आवश्यकता है। गंदगी न फैलाएं, जहाँ गंदगी हो वहाँ साफ-सफ़ाई करें,, अधिकाधिक वृक्ष लगाएँ और अनभिज्ञ लोगों को जागरूक करें। हमारे सामूहिक प्रयास से ही, समस्या सुलझ सकती हैं, , प्र. । वैज्ञानिकों की चिंता का कारण है (क) प्रदूषण (ख) माँसम में बदलाव (ग) भीषण बीमारियों का फैलना (घ) उपरोक्त सभी, प्र. 2 प्रदूषण के बढ़ने का कारण आप क्या मानते हैं?, , (क) बढ़ते वाहनों की संख्या (ग) बढ़ते कल-कारखाने, हु
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(ख) पेड़-पौँधों की अंधाधुंध कटाई. (घ) उपरोक्त सभी, प्र. 3 प्रदूषण को कम करने या रोकने में हम क्या सहयोग दे सकते हैं?, , (क) सभी वाहनाँ को रोक दिया जाए (ग) अधिकाधिक वृक्ष लगाएँ, , (ख) सारे काल-कारखाने बंद कर दिए जाए (घ) विज्ञान की प्रगति को नकार दें, प्र. 4 सामूहिक प्रयास का क्या आशय है?, , (क) एक समूह का प्रयास (ग) कुछ समूहों का प्रयास, , (ख) सभी लोगों का सम्मिलित प्रयास (घ) इनमे से कोई नहीं, प्र. 5 'अनभिज़' शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग और मूल शब्द है(क) अ + नभिज्ञ (ख) अन + भिज्ञ (ग) अनभि + ज़् (घ) अना + भिज्ञ, , अथवा, , सच्चा उत्साह वही होता है जो मनुष्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है। मनुष्य किसी भी, कारणवश जब किसी के कष्ट को दूर करने का संकल्प करता है तब जिस सुख को वह अनुभव, करता है वह सुख विशेष रूप से प्रेरणा देने वाला होता है। जिस भी कार्य को करने के लिए, मनुष्य में कष्ट, दुःख या हानि को सहन करने की ताकत आती है, उन सबसे उत्पन्न आनंद ही, 'त्साह' कहलाता है। उदाहरण के लिए दान देने वाला व्यक्ति निश्चय ही अपने भीतर एक, विशेष साहस रखता है और वह है धन त्याग का साहस । यही त्याग यदि मनुष्य प्रसन्नता के, साथ करता है तो उसे उत्साह से किया गया गया दान कहा जाएगा। उत्साह, आनंद और साहस, का मिला-जुला रूप है। उत्साह में किसी न किसी वस्तु पर ध्यान अवश्य केन्द्रित होता है। वह चाहे, कर्म पर, चाहे कर्म के फल पर चाहे व्यक्ति या वस्तु पर हो। इन्ही के आधार पर कर्म करने में, आनंद मिलता है। कर्म भावना से उत्पन्न आनंद का अनुभव केवल सच्चे वीर ही कर सकते हैं, क््यांकि उनमे साहस की अधिकता होती है। सामान्य व्यक्ति कार्य पूरा हो जाने पर जिस आनंद, को अनुभव करता है सच्चा वीर कार्य प्रारंभ होने पर ही उसका अनुभव कर लेता है| “आलस्य', उत्साह का सबसे बड़ा शत्रु है।जो व्यक्ति आलस्य से भरा होगा उसमे कार्य करने के प्रति उत्साह, कभी उत्पन्न नहीं हो सकता। उत्साही व्यक्ति असफल होने पर भी कार्य करता रहता है। उत्साही, व्यक्ति सदा इृढ-निश्चयी होता है। यही कारण है की एक विदयार्थी को सदैव उत्साही होना चाहिए, क्योंकि उत्साही होने पर वह अपने अपेक्षित दायित्व का दइृढ-निश्चय से निर्वहन करेंगे और जब, दायित्व का निर्वाह करैंगे तो सफलता उनके कदम चूमेगी और उन्हें आनंद की अनुभूति होगी।, , प्र. 6 सच्चा उत्साह होता है (क) जो मनुष्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है (ग) जो किसी कार्य का संकल्प लेता है, , (ख) जो किसी का कष्ट को दूर करता है (घ) उपरोक्ल सभी, , उ