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13.एक तिनका शब्द अर्थ और प्रश्नोंतरे
१) ऐंठा - अकड़ा २) मुंडेरे - छत का किनारा ३)तिनका - सुखी घास का तुकड़ा ४) मूॅंठ- मोड़कर गोल किया हुआ कपड़ा ५) ढब - तरीका ६) समझ - अक्ल। कविता से प्रश्न 1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए। जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा – मेरी आँख में एक तिनका का पड़ा। मुँठ देने लोग कपड़े की लगे – लोग कपड़े की मँठ देने लगे। (क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा – ……… (ख) लाल होकर भी दुखने लगी – ……….. (ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भागी – ……… (घ) जब किसी दब से निकल तिनका गया। – ……… उत्तर- (क) एक दिन जब मुंडेरे पर खड़ा था। (ख) आँख लाल होकर दुखने लगी। (ग) बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भगी। (घ) किसी ने ढब से तिनका निकाला। प्रश्न 2. ‘एक तिनका’ कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है? उत्तर- इस कविता में उस घटना का वर्णन किया गया है जब कवि की आँख में एक तिनका गिर गया। उस तिनके से काफ़ी बेचैन हो उठा। उसका सारा घमंड चूर हो जाता है। किसी तरह लोग कपड़े की नोक से उनकी आँखों में पड़ा तिनका निकालते हैं तो कवि सोच में पड़ जाता है कि आखिर उसे किस बात का घमंड था, जो एक तिनके ने उनके घमंड को जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया। उसकी बुधि ने भी उसे ताने दिए कि तू ऐसे ही घमंड करता था तेरे घमंड को चूर करने के लिए तिनका ही बहुत है। इससे यह संदेश मिलता है कि व्यक्ति को स्वयं पर घमंड नहीं करना चाहिए। एक तुच्छ व्यक्ति या वस्तु भी हमारी परेशानी का कारण बन सकती है। हर वस्तु का अपना महत्त्व होता है। प्रश्न 3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई ? उत्तर- घमंडी की आँख में तिनका पड़ने पर उसकी आँख लाल होकर दुखने लगी। वह बेचैन हो गया और उसका सारा ऐंठ समाप्त हो गया। प्रश्न 4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया? उत्तर घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास के लोगों ने कपड़े की मुँठ बनाकर उसकी आँख में डाली। प्रश्न 5. ‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी ऐंठता तू किसलिए इतना रहा, एक तिनका है बहुत तेरे लिए। इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है तिनका कब हूँ न निदिए पाँव तले जो होय।। कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय॥ • इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए। उत्तर- (क) उपर्युक्त काव्यांश के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि अहंकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि एक छोटा-सा तिनका भी अगर आँख में पड़ जाए तो मनुष्य को बेचैन कर देता है। (ख) इन दोनों काव्यांशों की पंक्तियों में अंतर-दोनों काव्यांशों में अंतर यह है कि हरिऔध जी द्वारा लिखी पंक्तियों में किसी प्रकार के अहंकार से दूर रहने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि एक तिनका भी हमारे अहंकार को चूर कर | सकता है। छोटे-से छोटे वस्तु का अपना महत्त्व होता है। दोनों में घमंड से बचने की शिक्षा दी गई है। प्रत्येक तुच्छ समझी जाने वाली वस्तु का अपना महत्त्व होता है। भाषा की बात * ‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे-धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धर्म से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रियों को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए- छप से टप से थर्र से फुर्र से सन् से। (क)मेंढक पानी में …………….. कूद गया। (ख)नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद …………………….. च गई। (ग)शोर होते ही चिड़िया ………………….. उड़ी। (घ) ठंडी हवा ……………………. गुजरी, मैं ठंड में …………………….. काँप गया। उत्तर मेंढक पानी में छप से कूद गया। नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद टप से चू गई। शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ी। ठंडी हवा सन् से गुजरी, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।
Deadline
Jan 20, 10:00 AM
Maximum marks
0.0 marks
Question type
Subjective