१३. मैं सबसे छोटी होऊँ (शब्द अर्थ और प्रश्नोत्तर)
शब्द - अर्थ
१)अंचल - साड़ी का छोर
२)सदा - हमेशा
३)मात - माता, माँ
४)कर - हाथ
५) सज्जित - सजाना
६) गात - शरीर
७) निस्पृह - जिसे कोई लोभ या लालसा न हो
८)निर्भय - डर से रहित
प्रश्न अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1.
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर-
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना इसलिए की गई है, जिससे कि लंबे समय तक
माँ का प्यार मिलता रहे।
माँ के आँचल की छाया मिलती रहे।
माँ का साथ मिलता रहे।
विभिन्न प्रकार के खिलौने मिलते रहें।
माँ द्वारा परियों की कहानियाँ सुनने को मिलें।
प्रश्न 2.
कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है? क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
उत्तर-
इस कविता में एक बच्ची छोटी रह कर माँ के साथ रहना पंसद करती है। वह ऐसी बड़ी बनना पसंद नहीं करती जिससे वह माँ का प्यार दुलार न पा सके। बड़ी बनकर वह माँ के प्यार को खोना नहीं चाहती। इसलिए इस कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ की कामना की गई है। हाँ, मैं भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करूंगी।
प्रश्न 3.
आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात !
उत्तर-
इस कविता का आशय यह है कि बच्ची अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनकर रहना चाहती है क्योंकि बड़े हो जाने पर उसका साथ माँ से छूट जाता है। जिस तरह छोटे रहने पर माँ हमेशा बच्ची के साथ रहकर समय तथा प्यार देती थी, वैसा अब नहीं करती है। वह हमेशा माँ का साथ चाहती है।
प्रश्न 4.
अपने छुटपन में बच्चे अपनी माँ के बहुत करीब होते हैं। इस कविता में नज़दीकी की कौन-कौन सी स्थितियाँ बताई। गई हैं?
उत्तर-
माँ की गोंदी में सोना और परियों की कहानी सुनना, उसकी आँचल पकड़ कर चलना, उसके हाथों खाना तथा उसके हाथों सजना सवॅरना आदि इस कविता में नजदीकी की स्थितियाँ बताई गई हैं।
कविता से आगे
प्रश्न 1.
तुम्हारी माँ तुम लोगों के लिए क्या-क्या काम करती है?
उत्तर-
हमारी माँ हमारे लिए निम्नलिखित कार्य करती है-
वह हमें कभी भी अपने से अलग नहीं करती।
वह दिन-रात हमें अपने साथ लिए फिरती है।
वह हमें प्यार से अपनी गोदी में सुलाती है।
अपने हाथों नहलाती-धुलाती और तैयार करती है।
वह हमें खाना खिलाने के बाद मुँह-हाथ धोती है। धूल आदि पोंछकर हमें सजाती-सँवारती है।
वह हमें परियों की कहानी सुनाती है।
मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती है तथा अच्छी बातें सिखाती है और गृह कार्य कराते हुए पढ़ाती है।
प्रश्न 2.
यह क्यों कहा गया है कि बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है?
उत्तर-
माँ जब बच्चों को बड़ा बना देती है तब उसका साथ छोड़कर अपने कामों में लग जाती है। तब वह उसे न तो नहलाती धुलाती है और न अपने हाथ से खाना खिलाती है, न परियों की कहानी सुनाती है। उसे खेलने के लिए खिलौने नहीं देती है। तब बच्चों को लगता है कि बड़ा होने पर माँ उसे छलती है।
प्रश्न 3.
उन क्रियाओं को गिनाओ जो इसे कविता में माँ अपनी बच्ची या बच्चे के लिए करती है।
उत्तर-
माँ अपने बच्चे को गोदी में सुलाती है, आँचल पकड़वाकर साथ-साथ रखती है, खाना खिलाती है। नहलाती-धुलाती है, सजाती-सँवारती है, खिलौने देती है, स्कूल भेजती है, परियों की कहानियाँ सुनाती है। अच्छी-अच्छी बातें सिखाती और पढ़ाती है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 3.
माँ अपना एक दिन कैसे गुज़ारती है? कुछ मौकों पर उसकी दिनचर्या बदल जाया करती है, जैसे-मेहमानों के आ जाने पर, घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर या त्योहार के दिन। इन अवसरों पर माँ की दिनचर्या पर क्या फ़र्क
पड़ता है? सोचो और लिखो।
उत्तर-
माँ अपना एक दिन प्रातः काल उठकर रात्रि सोने तक घर के कामों को पूरा करने में गुजारती है। वह प्रातः चाय बनाती है, फिर खाना बनाती है, बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती है। घर की सफ़ाई करती है तथा कपड़े धोती है। फिर शाम का खाना बनाती है। कुछ विशेष मौकों पर मेहमानों के आ जाने पर उसके लिए विशेष भोजन तैयार करना पड़ता है। मेहमान के विश्राम का भी प्रबंध करना पड़ता है।
इसी प्रकार किसी के बीमार होने पर भी पहली प्राथमिकता उस बीमार सदस्य की देखरेख पर ध्यान देती है। त्योहार के दिनों में भी त्योहार की तैयारी पूरी निष्ठा से करती है। पूजा व विशेष भोजन का भी प्रबंध करना पड़ता है। इस तरह विशेष अवसरों पर माँ की दिनचर्या में परिवर्तन आ जाता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों में अंतर बताओ, उनमें क्या फ़र्क है?
स्नेह – प्रेम
ग्रह – गृह
शांति – सन्नाटा
निधन – निर्धन
धूल – राखे
समान – सामान
उत्तर-
स्नेह (छोटे के लिए प्रेम)- माँ अपने बच्चे से स्नेह करती है।
प्रेम (छोटे, बड़े सभी के लिए)- राम और लक्ष्मण का प्रेम एक मिसाल है।
शांति (हलचल न होना)- नेहा, घर में आज इतनी शांति क्यों है?
सन्नाटा (वातावरण में चुप्पी होना)- रात के वक्त गाँवों में सन्नाटा छा जाता है।
धूल (मिट्टी)- चारों तरफ़ धूल से प्रदूषण फैल रहा है।
राख (लकड़ी या कोयले के जलने के बाद बचा पदार्थ)- राख कोयले से बनती है।
ग्रह (नक्षत्र)- वैज्ञानिकों ने सौर मंडल में आठ ग्रह बताए हैं।
गृह (घर)- ओजस्व को गृह कार्य नहीं मिला।
निधन (मृत्यु)- सेठ जी के निधन से गाँव में शोक की लहर दौड़ गई।
निर्धन (गरीब)- हमारे देश में निर्धन व्यक्ति काफ़ी हैं।
समान (बराबर)- हमारे देश में सभी लोगों को समान अधिकार मिला हुआ है।
सामान (वस्तु)- घर में सामान बिखरा पड़ा है।
प्रश्न 2.
कविता में दिन-रात’ शब्द आया है। दिन रात का विलोम है। तुम ऐसे चार शब्दों के जोड़े सोचकर लिखो, जो विलोम शब्दों से मिलकर बने हों। जोड़ों के अर्थ को समझने के लिए वाक्य भी बनाओ।
उत्तर-
आना-जाना- आज त्योहार के दिन मेहमानों का आना-जाना लगा हुआ है।
छोटा-बड़ा- हमें छोटे-बड़े सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
जीवन-मरण- जीवन-मरण ईश्वर के हाथ में है।
अपना-पराया- यहाँ अपना-पराया कोई नहीं सब बराबर हैं।
लाभ-हानि- व्यापार में लाभ-हानि लगा ही रहता है।
भला-बुरा- हमें भला-बुरा देखकर ही कार्य करना चाहिए।