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ही तीन तेरह हो गया ।, 70, तीन तेरह होना - रमेश के के मरते, | 81. दाँत - दाँत क्यों रहे ।, ৬4. दूध का दूध, करना) -, व्याकरण, 55, का मर, रामलाल, सारे प्रयत्न कर लिए, लेकिन किशोर का बाल बॉका नहीं, कर सके ।, है खट्टे करना (बुरा तरह से हराना)- भारत ने, में पाकिस्तान के दात खट्टे कर दिए । -, 96. बाल की खाल निकालना (व्यर्थ की नुक्ताचीनी, करना) - मोहन सदैव बाल की खाल निकालता रहता है ।, 97. बाल-बाल बचना ( हानि होते-होते बचना) -गोविन्द, छत से गिरने से बाल-बाल बच गया ।, वालों को, लज्जा का, ने मैंने तो तुम्हारा बात का उत्तर दिया है ।, 98. मर मिटना (समर्पित हो जाना) -रामप्रसाद 'बिस्मिल', देश की आजादी के लिए मर मिटे ।।, 99. मिट्टी में मिलना (बर्बाद होना) - सट्टेबाजी के कारण, सेठ रामदास मिट्टी में मिल गए ।, 60. मुँह में पानी आना (लालायित होना) - मिठाई की, दुकान देखकर राम के मुँह में पानी आ गया ।, 101. मक्खन लगाना ( चापलूसंी करना) - हरप्रसाद, अधिकारी को मक्खन लगाने में चतुर है ।, पाना राम, हो गई।, सफलता, देखकर सभी ने दाँतों तले उँगली दबा ली।, तयाल में काला होना (सन्देहपूर्ण स्थिति) - धन के अभाव, त्र ने जब, भी वह बहुत बड़ी योजना पर काम कर रहा है, लगता है।, चिकना, ही नहीं, दाल में कुछ काला है ।, -जब से, वह चैन, 102. मन मचलना (इच्छा करना) -छात्रावास में बहुत दिनों, तक माता-पिता से दूर रहने कारण, घर जाने के लिए उसका, 85. बूंद-बूंद से घड़ा भरना- (छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा, मंगह होना) - फरीदा ने अल्पबचत करते हुए कम्प्यूटर खरीद, लिया । सच ही है-बूँद-बूँद से घड़ा भरता है ।, 88. नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना) - पुलिस के आते ही, चोर नौ-दो ग्यारह हो गए ।, 87. नमक-मिर्च मिलाना (बात को बढ़ा-चढ़ाकर करना)-, रमेश को नमक-मिर्च मिलाकर कहने की आदत है ।, 88, निन्यानवे के फेर में पड़ना (धन जोड़ने की चिन्ता में, रहना) - सुरेश आजकल निन्यानवे के फेर में पड़ गया है ।, 69, पानी-पानी होना (लज्जित होना)- राम के असभ्य, व्यवहार से उसका पिता पानी-पानी हो गया ।, 90. पाई-पाई को दाँत से पकड़ना (कंजूस होना)- भिखारी, को सेठ रामदास ने एक पैसा भी नहीं दिया। कौन नहीं, जानता कि वे पाई-पाई को दाँत से पकड़ते हैं ।, 91. पैरों तले की जमीन खिसकना (घबरा जाना) - जेब में, हाथ डालते ही मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गयी. श्रीगणेश करना (आरम्भ करना) - रमेश ने वकालत, क्योंकि मेरी जेब कट गयी थी और पैसे गायब थे ।, 92. पीठ दिखाना (हारकर भाग जाना) -दुश्मन को पीठ, दिखाकर भागने की अपेक्षा वहीं मर जाना अच्छा है ।, मन मचल रहा था ।, )-उसने, बूट पीकर, 103. मनचाही मुराद मिलना (इच्छा की पूर्ति हो, जाना)-गरीब कांता को जब टीचर ने पढ़ाने का जिम्मा, लिया तो उसे मनचाही मुराद मिल गई ।, 104. मुँह लटकाना (सुस्त होना) -अरे हरी ! तुम तो, तनिक-सी बात पर मुँह लटकाकर बैठ गए ।, 105. लकीर पीटना (पुरानी रीति पर चलना) -, रीति-रिवाजों की लकीर पीटने से क्या लाभ, समय देखकर, -नेताजी, पर खेल, होना) -, से मस न, काम करो ।, 106. लोहा मानना (श्रेष्ठता स्वीकार करना) - पाकिस्तान, नड़के की, ड़ता है ।, र भी वह, भारत का लोहा मान गया ।, 107. लोहे के चने चबाना (बड़ा कठिन काम, करना)- भारतीय क्रिकेट टीम पर विजय पाना लोहे के चने, चबाना है ।, चाचा की, का श्रीगणेश कर दिया है ।, 109. हवाई किले बनाना (ऊँची-ऊँची कल्पनाएँ, करना) - मोहन को अभी लॉटरी मिली भी नहीं, किन्तु वह, हवाई किले बनाने लगा है ।, ने से क्या, 93. फूँक-फूँक कर पाँव रखना (बहुत सावधानी से काम, करना) - देखो मोहन ! समय बहुत खराब है, अतः फूँक-फूँक, कर पाँव रखने की आवश्यकता है ।, ৬4. फूला न समाना (बहुत प्रसन्न होना)- राम परीक्षा में, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ है, अत: इसके कारण वह फूला, नहीं समा रहा है ।, बात मत, 110, हाथ-पाव फूल जाना (भय या शोक से घबरा जाना) -, हथियारबन्द डाकुओं को देखकर गाँव वालों के हाथ-पाँव, पत्नी के, फूल गए ।, 111. हवा से बातें करना (बहुत तेज चलना) - थोड़ी देर में, गाड़ी हवा से बातें करने लगी ।, 112. बातों में उड़ाना (महत्व न देना) -मेरे प्रश्न को बातों, में मत उड़ाओ, उत्तर दो ।, बढ़ाकर, एक रन, तिल का, U5. बाल बाँका न होना (कुछ हानि न होना) -विरोधियों ने