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ही 163 भिल्जहयत,, , पाठ से पूर्व - इस कहानी में दो, इस कहानी में दो बैलों की | को., जहीं कमी लक नियोजन बेल मित्रता को दर्शाया गया है । हमें पशुओं के साथ मारपीट, नी गनवर्ों के प्रति प्रेम और दया का भाव रखने के लिए बताया गया है।, , , , यह क, , , , कहानी दो ऐसे बैलों की है , जिनमें गहरी * नल, अल है , जिनमें गहरी मित्रता थी ।इन बैलों का नाम था- हीरा और मोती । ये दोनों, बैल झुरी किसान के थे। वे आँखों ही नाम था- हीरा और मोती । ये दो., , आँखों में एक-दूसरे, , , , , , मन के भावों, को समझ जाया करते थे। दोनों बैलों, में बहुत प्यार था। वे चाँकमें एक साथ, मुँह डालते और एक साथ ही हटाते।, झुरी उनके चारे-पानी का हमेशा, ध्यान रखता था। वह कभी भूलकर, भी उन्हें मारता-पीटता नहीं था। पशु, भरी प्यार का भूखा होता है। वे भी, झूरी को बहुत चाहते थे।, , , , झुरी_की पत्नी के भाई का, नाम गया था। एक बार गया, हीरा, और मोती को कुछ दिन के लिए, अपने घर ले जाने लगा। बैलों को, बड़ा आश्चर्य दुआ कि वह उन्हें क्यों और कहाँ लिए जा रहा है ।रास्ते में दोनों ने उसे बहुत तंग किया । मोती बाएँ, , भागता तो हीरा दाएँ | इस पर गया ने उन्हें बहुत 'पीटा। घर पहुँचकर उन्हें मोटी रस्सी से बाँधा और उनके सामने, रूखा-सूखा धरुस्ना डाल दिया । हीरा और मोती दोनों ने उसे सूँघा तक नहीं ।, , , , या 4 1३ 1१६8044 कलह, , 'मिन्रता - दोस्ती (10९04), शा आश्चर्य - हैरानी (5७४७४5०५ भूसा, , चार (5039)।, है