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प्राथचोग, पैर, चरण, राजा, प्रजापति, नृप, गरीब, रंक, हरे, दूर करे, संग, मुसीबत, (के, साथ, विपत, भलाई, उपकार, संसार, दुनिया, सीख, जग, शिक्षा, विपत हरे, दुःख या कष्ट दूर करे, उपकारी जीवन, ऐसा जीवन जो भलाई के लिए हो, (ख, (( अभ्यास )), मौखिक, हम छतरी का प्रयोग सामान्यत: किस-किस मौसम में करते हें?, छतरी सबकी मुसीबत कैसे हरती है?, हम छतरी को तानकर रखने के लिए कहाँ से पकड़ कर रखते हैं?, हम छतरी को किसके ऊपर रखते हैं?, 1., 2., 3., 4., कलम से, 1., छतरी हमारे किस काम आती है?, 2. छतरी वर्षा में हमारी रक्षा किससे करती है?, छतरी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?, 3., कविता की उन पंक्तियों को लिखिए जिनके अर्थ हैं :, (क) चाहे कोई अमीर हो अथवा गरीब सभी तुम्हें अपने साथ रखते हैं। तुम वर्षा ऋतु और, गरमी की ऋतु में लोगों को विविध प्रकार की मुसीबतों से बचाती हो।, राजा हो या रक, सबके संग रहे तू हतरी, ऋहुतु हो वर्षा या गरमी की, सबकी वितप हेरे तू धतरी।, (ख) यदि इस दुनिया के लोग तुम्हारे भलाई करने वाले जीवन से सीख प्राप्त करें, तो सब, लोगों के कष्ट दूर हो सकते हैं। सारा संसार की प्यारा और भला बन सकता है।, उपकारी जीवन से तेरे, (शिझषा ले यादे यह जग सारा, दुःख े, सभी के, भिट जाएँ जग बन जाए कितना ज्यारा, ST-3