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Physics
Q. वान-डी-ग्राफ जनित्र में बेल्ट (फीता) विद्युत रोषी पदार्थ का क्यों बना होता है ? उत्तर— वान-डी-ग्राफ जनित्र में चालक के नुकीले भाग से वायुकण अथवा धूलकण आवेश प्राप्त कर उनके द्वारा प्रतिकर्षित होकर एक बेल्ट से टकराते हैं। यह बेल्ट विद्युतरोधी पदार्थ का बना होता है। इसका काम है कि एक चालक से दूसरे चालक तक आवेश पहुँचाना । इसके लिए यह आवश्यक है कि बेल्ट द्वारा लिया गया आवेश उस पर फैले नहीं बल्कि स्थानीकृत हो। बेल्ट के साथ ये आवेश जब ग्राहक के नुकीले चालक के सिरों के निकट पहुँचते हैं तो नुकीले सिरों से हाकर विपरीत प्रकार के आवशे चालक से बाहर निकलकर बेल्ट पर के आवेश को उदासीन बना देते हैं। इसके लिए बेल्ट को विद्युतरोधी पदार्थ का बना होना आवश्यक है, नहीं तो यह क्रिया संभव नहीं होगा। Q.विद्युत मशीनों में कहीं तीखा कोर या नोक नहीं छोड़ा जाता है, क्यों ? उत्तर- किसी चालक के नुकीले भाग की वक्रता त्रिज्या काफी होती है। उस भाग के नजदीक विद्युत तीव्रता काफी अधिक हो जाती है । इस स्थिति में हवा का विद्युतरोध भंग हो जाएगा। चालक के नोक से आवेश निकलकर हवा में प्रवाहित होने लगते है और तब आवेशित हवा के कण हटते जाते हैं और आवेश लगातार बाहर निकलते जाते हैं। इससे चालक पर आवेश घटता है और चालक अनावेशित हो जाती है। Q. किसी चालक का तल समविभवी होता है, क्यों ? उत्तर- किसी चालक का तल सम विभवी होता है क्योंकि उसके किसी बिंदु पर यदि विभव अधिक होता तो आवेश कम विभव वाले बिंदु की ओर प्रवाहित होकर विभव को बराबर कर देता। किसी बंद खोखले आवेशित चालक के भीतर सभी स्थान पर विभव बराबर होता है और चालक के तल के विभव के बराबर होता है क्योंकि चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है। HAM MASTER Q. किसी संधारित्र में दूसरे चालक प्लेट की क्या भूमिका है ? उत्तर- जब दो आवेशित चालक प्लेटों को एक-दूसरे के नजदीक लाया जाता है तो इनके विभव में कमी आती है, जिसके कारण इनकी धारिता बढ़ जाती है। यही कारण है कि दूसरे प्लेट को पहले प्लेट के निकट लाने से धारिता बढ़ जाती है। Q. स्थिर वैद्युत परिरक्षण क्या है? इसके जीवनोपयोगी उपयोग लिखें । उत्तर-स्थिर वैद्युत परिरक्षण - आकाश के एक निश्चित क्षेत्र को बाह्य क्षेत्र से सुरक्षित रखने की घटना को ही स्थिर वैद्युत परिरक्षण कहा जाता है। उपयोग : बरसात में तूफान के समय जब आकाशीय बिजली का प्रकोप होता है तो उस समय खुले मैदान की अपेक्षा कार या बस के अंदर रहना अधिक सुरक्षित रहता है। कार या बस का आवरण वैद्युत परिरक्षण प्रदान करता है। Q.समानांतर प्लेट संधारित्र में दूसरे प्लेट का क्या कार्य है ? उत्तर—समानांतर प्लेट संधारित्र में दो धात्वीय प्लेटे होती है जिसमें एक को आवेश दिया जाता है और दूसरी को पृथ्वी से सम्बंधित कर दिया जाता है जिससे संधारित्र की धारिता बढ़ जाती है l Q. किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कौन-कौन कारक है ? उत्तर- किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है (1) चालक का पृष्ठीय क्षेत्रफल (2) चालक के निकट अन्य चालकों की उपस्थिति (3) चालक के चारों ओर के माध्यम की प्रकृति । Q.ध्रुवीय तथा अध्रुवीय परावैद्युत से क्या समझते है ? उत्तर- ध्रुवीय परावैद्युत-वैसे परावैद्युत जिसमें घन आवेश तथा ऋण आवेश का केन्द्र अलग-अलग होते हैं, ध्रुवीय परावैद्युत कहलाता है। ऐसे परावैद्युत का स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है । उदाहरण : HCI, HO इत्यादि । अध्रुवीय परावैद्युत-वैसे परावैद्युत जिसमें धन आवेश तथा ऋण आवेश का केन्द्र एक ही बिंदु पर संपाती होते है, अध्रुवीय परावैद्युत कहा जाता है। ऐसे परावैद्युत का द्विध्रुव शून्य होता है । उदाहरण : H2, O2, CO, इत्यादि । Q. कूलम्ब के नियम का महत्व बताइए । उत्तर—कूलम्ब का नियम बहुत बड़ी दूरियों से लेकर बहुत छोटी दूरियों (नाभिकीय दूरी से ज्यादा) के लिए सत्य है। इस नियम से उन बलो की भी व्याख्या करने में सहायता मिलती है जिनके कारण : (i) किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के साथ बाँधकर परमाणु की रचना करते हैं। (ii) दो या दो अधिक परमाणु परस्पर संयुक्त होरक एक अणु की रचना करते है । Q. जब किसी परावैद्युत प्लेट को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखते है तो परावैद्युत प्लेट के अंदर विद्युत क्षेत्र कम क्यों हो जाता है ? उत्तर—परावैद्युत गुटके को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखने पर इसके अणुओं का धूवण हो जाता है; फलस्वरुप इसके अंदर बाहरी क्षेत्र हो जाता है। इसलिए बाहरी क्षेत्र में रखने पर परावैद्युत प्लेट के अंदर विद्युत क्षेत्र घट जाता है। Q. एक आवेशित संधारित्र और सेल में क्या अंतर है ? उत्तर- आवेशित संधारित्र में संचित ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा प्रदान करता है जबकि विद्युत सेल नियत विभवांतर पर रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है। Q.आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दे एवं इसका SI मात्रक लिखे । उत्तर—किसी चालक के प्रति एकांक आयतन में स्थित आवेश के परिमाण को आवेश का आयतन घनत्व कहा जाता है। इसे 'p' द्वारा सूचित किया जाता है। अतः आवेश का आयतन घनत्व p=Q/V आवेश के आयतन घनत्व का SI मात्रक c/m 3 होता है। Q. आवेश के पृष्ठीय घनत्व से क्या समझते हैं ? इसका S. I. मात्रक लिखें। उत्तर आवेश का पृष्ठीय घनत्व : किसी चालक के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर स्थित आवेश के परिमाण को आवेश का पृष्ठीय घनत्व कहा जाता है। इसे 'σ' द्वारा सूचित किया जाता है। आवेश का पृष्ठीय घनत्व σ =Q/A आवेश के पृष्ठीय घनत्व का SI मात्रक c/m2 होता है। Q.चालक की धारिता से आप क्या समझते है ? उत्तर—चालक की विद्युत-धारिता—किसी चालक की विद्युत धारिता या धारिता संख्यात्मक रूप से उस आवेश के बराबर होती है जो उसका विभव एकांक से बढ़ा दें । किसी चालक की विद्युत-धारिता से उस चालक द्वारा आवेश संचित करने की क्षमता व्यक्त होती है। विद्युत-धारिता का SI मात्रक फैराड (F) है। Q.विद्युत अनुनाद को समझाएँ । उत्तर- विद्युत अनुनाद (Electrical Resonance) किसी निश्चित आवृत्ति पर धारा- आयाम के महत्तम होने की घटना को अनुनाद कहा जाता है। अनुनाद की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा मूलतः उसके प्रतिरोध के बराबर होती है l ELECTROSTATICS [20214] Q. किसी चालक की धारिता से क्या समझते है? (What do you mean by capacity of conductor? उत्तर- चालक की धारिता किसी चालक में इकाई विभवांतर बढ़ाने के लिए जितने आवेश की आवश्यकता होता है उसे चालक की धारिता कहते है । (i) इसका SI मात्रक फैराड (F) है। (ii) इसका परिमाण, C = q/V होता है। (iii) यह एक अदिश राशि है। Q. आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दें। इसके SI मात्रक को लिखे। (Define volume density of charge write its SI unit) उत्तर- आवेश का आयतन घनत्व - प्रति इकाई आयतन आवेश को आवेश का आयतन घनत्व कहते हैं। इसका SI मात्रक कूलॉम/(मीटर)2 होता है इसे p द्वारा सूचित करते हैं। p=q/V Q . समविभव सतह से क्या समझते हैं? इसके दो गुणों को लिखें। (What do you mean by equipotential surface write two properties.) उत्तर- समविभव सतह, वह सतह है जिसके प्रत्येक बिंदु पर विभव का मान समान होता है। गुण - (i) समविभव सतह हमेशा विद्युत बल रेखाओं के लंबवत होता है। (ii) समविभव सतहें एक दूसरे को नहीं काटते हैं। Q. विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा दें तथा इसके S.I मात्रक लिखें। (Define electric dipole moment and write its S.I. unit.) उत्तर- विद्युत द्विध्रुव‌ आघूर्ण- द्विध्रुव के एक आवेश तथा द्विध्रुव की लंबाई गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे P द्वारा सूचित करते है। P = q(2l) यह एक सदिश राशि है इसकी दिशा -q से +q की ओर होती है। इसका S.1. कुलम-मीटर (C-m) होता है। Q. परातीत समकिपाकी परिभाषा दें। (Define delectric strength and relative permittivity.).. उत्तर-परावेत सामपरावेत सामर्थ्य, विद्युत क्षेत्र का वह महतम मान है जिसको परावैद्युत बिना परावैद्युत भंजन (break down potential ) को सहन कर सकता है। इसकी SI मात्रक वोल्ट / सीटर होता है। लेकिन ] प्रयोग में इसका मात्रक mv/mm है। सापेक्षिक परावैद्युतता किसी माध्यम की परावैद्युतता तथा हवा की परावैद्युतता के अनुपात को सापेक्षिक परावैद्युतता कहते हैं। इसे Er द्वारा सूचित किया जाता है। यह न तो मात्रक रखता है न तो विमा। Q. समानांतर प्लेट संधारित्र में दूसरे प्लेट का क्या कार्य है?[20154] (What is the function of second plate in a parallel plate capacitors ? ) उत्तर- द्वितीय प्लेट कंडेसिंग प्लेट है। यह भूधृत होता है। यह प्रथम प्लेट पर दिए गए आवेश के विपरीत आवेश प्रेरित करता है। Q. विद्युत क्षेत्र रेखाओं के दो गुण लिखें। (Write two properties of electric lines of force.) उत्तर- विद्युत क्षेत्र रेखाएँ के दो गुण इस प्रकार लिखे जा सकते हैं (i) दो क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को किसी बिंदु पर नहीं काटतीं - क्योंकि ऐसा करने पर एक ही बिंदु पर क्षेत्र की तीव्रता E की दो दिशाएँ हो जाएँगी जो संभव नहीं है। (ii) क्षेत्र रेखाओं के लम्बवत् तल के प्रति एकांक क्षेत्रफल से गुजरती रेखाओं की संख्या विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के परिमाण के समानुपाती होती है। Q. साधारण रबर विद्युत का कुचालक होता है लेकिन हवाई जहाज के टायर में लगे रबर विशेष हल्के विद्युत के सुचालक होते हैं। क्यों ? (General rubber is bad conductor of electricity. The rubber used in tyre of aeroplane are made of good conductor. Why ? ) उत्तर- जब हवाई जहाज उतरता है तो उसके टायर तथा जमीन के बीच घर्षण के कारण विद्युत आवेश पैदा होता है। रबर के सुचालक रहने से आवेश उस पर ठहरता नहीं है; इससे होकर पृथ्वी में चला जाता है। Q.वायुमंडल उदासीन नहीं रहता है। व्याख्या करें कि क्यों ? (Atmosphere is not electrically neutral. Explain why?) उत्तर - वायुमंडल से विद्युत का आदान प्रदान पृथ्वी एवं बाह्य आकाश के बीच होता रहता है। इसके आवेशन की दर एवं अनावेशन की दर हर क्षण समान होना आवश्यक नहीं है। इस कारण वायुमंडल उदासीन नहीं है l Q.दो आवेशित चालको को संपर्क किया जाता है तो ऊर्जा हास (loss) के स्रोतों को लिखें? (Write down the sources of energy loss due to sharing the charges between conductors.) उत्तर- ऊर्जा हास के निम्नलिखित स्रोत हैं (i) प्रकाश ऊर्जा के रूप में (ii) ध्वनि ऊर्जा के रूप में Q.अध्रुवित एवं ध्रुवित परावैद्युत क्या है? (What are non-polar and polar dielectrics ? ) उत्तर- यदि किसी परावैद्युत (dielectric) के परमाणु या अणु के सभी धन आवेशों का 'आवेश केंद्र' एवं ऋण आवेशों का आवेश केंद्र एक ही बिन्दु पर स्थित हों तो परिणामी द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है। इन्हें अध्रुवित (non polar) परावैद्युत कहा जाता है। उदाहरण - CH4, O2, N2 इत्यादि यदि ऐसा नहीं हो तो उन्हें ध्रुवित परावैद्युत (Polar dielectrics) कहा जाता है। उदाहरण - H2O, CO2, NH3 इत्यादि । Q. विद्युत मशीनों में कहीं तीखा कोर या नोक नहीं छोड़ा जाता है, क्यों ? (Why pointed portion is not left anywhere in an electrostatic machine ?) उत्तर- चालक के नुकीले भाग की वक्रता त्रिज्या काफी कम होती है। अतः जब चालक पर काफी आवेश दिया जाये तो उसके नुकीले भाग में आवेश का पृष्ठ-घनत्व बहुत ही अधिक हो जायेगा और उस भाग के नजदीक वैद्युत तीव्रता काफी अधिक हो जायेगी। इस स्थिति में हवा का विद्युतरोध भंग हो जाता है और आवेश नोक से निकलकर नजदीक में भंग आये हवा के कणों पर आने लगता है। नोक से आवेश लेकर जैसे-जैसे हवा के कण हटते जाते हैं वैसे-वैसे नोक पर आवेश घटता है और उसकी पूर्ति करने के लिए चालक के अन्य भागों से आवेश आता है। इस तरह चालक धीरे-धीरे अनावेशित हो जाता है। इस क्रिया को नोकों से विद्युत विसर्जन की क्रिया कहते हैं। इसीलिए मशीन बनाते समय नोक नहीं छोड़ा जाता है। Q. स्थिर वैद्युत परिरक्षण क्या है ? इसका एक उपयोग लिखें। (What is electrostatic shielding? Give one of its practical applications.) उत्तर- यदि एक चालक चादर द्वारा यंत्र को ढक लिया जाय तो बाहरी आवेश के क्षेत्र इस यंत्र पर वैद्युत क्षेत्र आरोपित नहीं कर पाते। यह इसलिए कि बाहरी आवेश चालक चादर पर आवेश प्रेरित करता है जिसका वैद्युत क्षेत्र बाहरी वैद्युत क्षेत्र को चालक के अंदर विनष्ट कर देता है। यही वैद्युत परिरक्षण कहलाता है। इसका उपयोग यंत्रों को बाहरी अवारा वैद्युत क्षेत्र से बचाव में किया जाता है। Q. किसी संधारित्र की धारिता किन-किन कारकों पर निर्भर करता है। (Give factors affect capacitance of the capacitor.) उत्तर- निम्न कारक संधारित्र की धारिता पर प्रभाव डालता है। (i) धारिता, चालक के क्षेत्रफल के समानुपाती होता है। (ii) धारिता परावैद्युत स्थिरांक के समानुपाती होता है। (iii) धारिता दोनों चालकों की दूरी के व्युतक्रमानुपाती होती है। Q. विद्युत द्विध्रुव-आघूर्ण को परिभाषित करें तथा इसका SI मात्रक लिखें।(Define electric dipole moment and write its SI unit.) उत्तर- वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण - किसी आवेश वितरण का मूल बिंदु के परितः वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण स्थिति सदिशों और आवेशों के गुणन का सदिश योग होता है। दो विपरीत आवेशों का द्विध्रुव आघूर्ण ऋण से धन की ओर दिष्ट होता है तथा आवेश एवं दूरी के गुणन के तुल्य होता है। Q. क्या क्या किसी वस्तु को आवेशित करने पर उसका द्रव्यमान बदल जाएगा ? (Is mass of body changed when it is charged ?) उत्तर - हाँ, किसी भी वस्तु पर आवेश यह सूचित करता है कि वस्तु ने इलेक्ट्रॉन खोया है या पाया है। चूँकि इलेक्ट्रॉन का एक निश्चित द्रव्यमान होता है अतः ऋणावेशित होने पर वस्तु का द्रव्यमान बढ़ जाएगा जबकि धनावेशित होने पर घट जाएगा। पर Class XII 2023 Q.वैद्युत बल रेखाओं का क्या महत्त्व है ? (What are significance of electric lines of force ?) उत्तर- बल रेखाओं का उपयोग किसी बिन्दु आवेश या बिन्दु आवेशों के निकाय के कारण विद्युत क्षेत्र को Represent करने में किया जाता है। वैद्युत बल रेखाएँ काल्पनिक होती हैं। अतः इनके द्वारा Represent किया गया Electric field वास्तविक होता है। ये धन ध्रुव से निकलती हैं तथा ॠण ध्रुव में प्रवेश करती हैं। इनकी सघनता strong field तथा विरलता weak field को सूचित करती है। Q. विद्युतीय क्षेत्र में किसी चालक को रखने पर कैसा व्यवहार करेगा ? (When a conductor is placed in an electric field how does it behave ?) उत्तर- विद्युतीय क्षेत्र में किसी चालक को रखने पर निम्नलिखित व्यवहार करता है इसके सामने सतह पर ऋण आवेश एवं विपरीत सतह पर धन आवेश प्रेरित होता है। इसके भीतर परिणामी विद्युतीय क्षेत्र शून्य होता है। विद्युत क्षेत्र चालक की सतह पर लम्बवत् होता है। इसके सतह पर एवं भीतर विद्युतीय विभव नियत होता है। Q.चालक एवं विद्युतरोधी पदार्थों से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by conductors and insulators ?) उत्तर जिन पदार्थों में मुक्त इलेक्ट्रॉन (Free electrons) की संख्या काफी अधिक होती है उन्हें विद्युत् का सुचालक कहा जाता है। जैसे—चाँदी, ताँबा, पृथ्वी, पारा तथा मानव शरीर इत्यादि । इसके विपरीत जिन पदार्थों में इनकी संख्या कम होती है उन्हें विद्युत्रोधी कहा जाता है। जैसे- एबोनाइट, क्वार्ट्ज, अभ्रक, गंधक, काँच तथा मोम इत्यादि । Q. एक संधारित्र को बैटरी के सिरों से जोड़ा गया है। दोनों प्लेटें ठीक बराबर आवेश क्यों प्राप्त करती हैं? क्या होगा यदि प्लेटें विभिन्न आकार की हों ? (A condenser is connected to a cell. Both plates acquire equal charge. What will happen if plates are of different shapes?) उत्तर - संधारित्र की द्वितीय प्लेट प्रेरण (Induction) द्वारा आवेशित होती हैं तथा प्रेरण में विपरीत एवं बराबर आवेश प्रेरित होते हैं, अतः दोनों प्लेटें ठीक , बराबर आवेश प्राप्त करती हैं क्योंकि प्रेरित आवेश चालक के आकार पर निर्भर नहीं करते हैं। अतः विभिन्न आकार की प्लेटें होने पर भी उनपर आवेश की मात्राएँ ठीक बराबर होती हैं।
Deadline
Sep 04, 11:59 PM
Maximum marks
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Question type
Subjective