Physics
1.1 विद्युत क्षेत्र एवं विध्रुव (Electric Field and Dipole)
Important Points
1. विद्युत आवेश (Electric Charge)
विद्युत आवेश पदार्थ का मूलवर्ती गुण होता है। बिना द्रव्यमान का विद्युत आवेश मौजूद नहीं होता है।
द्रव्यमान जैसा ही विद्युत आवेश एक मूल गुण है।
आवेश दो प्रकार का होता हैं- (i) धन आवेश, (ii) ऋण आवेश
समान आवेशों के बीच विकर्षण होता है।
असमान आवेशों के बीच आकर्षण होता है।
विद्युत आवेश का SI मात्रक 'कूलॉम' होता है।
1 कूलॉम = 3 x 10° e.su (स्थिर विद्युतीय मात्रक) 1 = em.u (विद्युत चुम्बकीय मात्रक) 10
विद्युत आवेश एक अदिश राशि है।
आवेश का क्वाण्टीनीकरण होता है, अर्थात् = Ne, जहाँ N = +-1, +-2, ±3...
विद्युत आवेश अचल होता है (अर्थात् वेग से स्वतंत्र होता है यानी वेग का प्रभाव नहीं पड़ता है)
स्थिर आवेश सिर्फ विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।
त्वरित आवेश विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।
इलेक्ट्रॉनों की संख्या के घटने या बढ़ने के कारण कोई वस्तु आवेशित होती है।
यदि वस्तु पर इलेक्ट्रॉन की संख्या अधिक है तब वस्तु ऋणात्मक आवेशित होती है।
यदि वस्तु पर इलेक्ट्रॉन की संख्या कम होती है तब वस्तु धनात्मक आवेशित होती है।
सभी रसायनिक तत्व अनावेशित होता है क्योंकि तत्वों में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बराबर होती है।
किसी वस्तु पर आवेश निम्न विधि द्वारा उत्पन्न किया जाता है-- (i) घर्षण द्वारा आवेशित (II) सम्पर्क विधि द्वारा, (iii) प्रेरण विधि द्वारा
विद्युत आवेश संरक्षित होते हैं।
कूलॉम का नियम सिर्फ बिन्दु आवेश के लिए लागू होता है।
2. विद्युत क्षेत्र (Electric Field)
किसी विद्युत आवेश के चारों ओर की जगह जहाँ तक परीक्षण आवेश कूलॉम बल अनुभव करता है, उसे विद्युत क्षेत्र कहते है।
कूलॉम बल प्रति इकाई विद्युत आवेश विद्युत क्षेत्र होता है।
विद्युत क्षेत्र एक सदिश राशि है।
विद्युत क्षेत्र की SI मात्रक न्यूटन/ कूलॉम (N/C) या वोल्ट/मीटर (V/m) होता है।
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ काल्पनिक रेखाएँ हैं जो धनात्मक आवेश से ऋणात्मक आवेश की ओर जाती है।
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ धनात्मक बिन्दु आवेश के कारण (अर्थात् 9> 0 ) चित्र में दर्शाया गया है -
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती हैं।
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ बन्द लुप नहीं बनाती हैं।
विद्युत क्षेत्र रेखाएँ धन आवेश से उत्पन्न होती हैं और ऋण आवेश पर समाप्त होती हैं।
3. विद्युत द्विध्रुव (Electric Dipole)
जब समान परिमाण परंतु विपरीत प्रकृति के दो आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं, तो आवेशों का यह निकाय विद्युत द्विध्रुव (electric dipole) कहलाता है।
संतुलित एवं असंतुलित, दोनों ही अवस्था में द्विध्रुव पर कुल बल का मान एक समान विद्युत क्षेत्र में शून्य होता है।
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का SI मात्रक कूलॉम - मीटर (C-m) होता है।
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है।
बल आघूर्ण एक सदिश राशि है।
बल आघूर्ण का SI मात्रक न्यूटन मीटर होता है।
विद्युत द्विध्रुव के कारण, दूरी पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र जब बिन्दु अक्ष पर है l
मुख्य सूत्र (Key Formulae)
(i) रेखीय आवेश घनत्व = आवेश/ लम्बाई
,SI मात्रक = C/m
(ii) आवेश का पृष्ठ घनत्व = आवेश /पृष्ठ क्षेत्रफल
SI मात्रक = C/m2
(iii) आवेश का आयतन घनत्व = आवेश/ आयतन
p=q/V, SI मात्रक=C/m3
(iv) आवेश का क्वाण्टीनीकरण के लिए q = +- Ne
जहाँ e = मूल आवेश
= 1.6x10-19 C
(v) कूलॉम बल, F = 1/4πEo.q1q2/r2 (वायु में)
Fm =1/4πEoEr.q1q2/r2(माध्यम में)
(vi) ∈r = ∈o ∈, जहाँ Er = सापेक्षिक विद्युतशीलता
(vii) पानी का सापेक्षिक विद्युतशीलता का मान 80 होता है।
(viii) F = qE
(ix) विद्युत क्षेत्र (E), बिन्दु आवेश (q) के कारण
E= 1/4πEo . q/r2
(x) स्थितिज ऊर्जा: f=-P.E = - PE cos 0
(xi) कार्य सम्पन्न = PE ( 1- cos 0)
कुछ महत्वपूर्ण मान ( Some Important Values)
प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.67 × 10-27 kg
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1x10-31 kg
प्रोटॉन पर आवेश = +1.6 x 10-9C
इलेक्ट्रॉन पर आवेश = - 1.6 x10-19 C
1/4π Eo = 9x10 Nm²/C2
निर्वात की विद्युतशीलता (E•) = 8.85x10-12 C2/Nm 2
किसी वस्तु (पिण्ड) पर न्यूनतम आवेश =1.6 x 10-9C
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दें। इसके S. I मात्रक को लिखें।
2. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ?
3. आवेश संरक्षण सिद्धांत क्या है?
4. दो समान बिन्दु आवेशों के निकाय के कारण विद्युत क्षेत्र के बल की रेखाएँ खीचें ।
5. परावैद्युत शक्ति एवं आपेक्षिक परावैद्युतांक को परिभाषित करें ।
6. विद्युत द्विध्रुव-आघूर्ण को परिभाषित करें तथा इसका SI मात्रक लिखें।
7. विद्युत क्षेत्र की बल रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती है क्यों? क्या दो समविभव सतहें एक दूसरे को काट सकती हैं?
8. धारावाही चालक में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता एवं समविभवी तल को परिभाषित करें।
9. विद्युत आवेश के दो मौलिक गुणों को लिखें।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
1. विद्युत तीव्रता किसे कहते हैं? एक विद्युतीय द्विध्रुव के अक्ष पर स्थित किसी बिन्दु पर विद्युत तीव्रता का व्यंजक प्राप्त करें।
2. बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत द्विध्रुव पर लगे बल-आघूर्ण के लिए व्यंजक प्राप्त करें।
3. दो मज्जा-गुटिकाओं, जिनमें प्रत्येक द्रव्यमान 0.2 ग्राम है, को प्रत्येक 50cm के दो रेशम धागे से लटकाया जाता है। प्रत्येक गुटिका को समान प्रकृति का बराबर-बराबर परिमाप का आवेश दिया जाता है । यदि ये गुटिका 4 cm की दूरी पर विकर्ष के बाद स्थिर हो जाते हैं, तो प्रत्येक गुटिका पर आवेश की गणना करें।
Answers.
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
1. प्रति इकाई आयतन आवेश को आवेश का आयतन घनत्व कहते हैं। इसे 'p' द्वारा सूचित किया जाता है।
अतः p=q/V
SI मात्रक कूलॉम/ (मीटर) होता है।
2. इकाई धनात्मक आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र में कूलॉम बल का जो शक्ति होती है। उसे उस बिन्दु स्थिरवैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते है ।
अतः E=F/qo
इसका SI मात्रक N/C या वोल्ट/मीटरहै।
3. आवेश के संरक्षण सिद्धांत :- किसी पृथ्वकृत निकाय में कुल आवेशों का बीज गणितीय योग नियत रहता है। अर्थात् ब्रह्माण्ड में कुल आवेशों का बीजगणितीय योग नियत रहता है।
4. (i) यदि दोनों बिन्दु आवेश धनात्मक हैं—
Leave 5 line for diagram
(ii) यदि दोनों बिन्दु आवेश ऋणात्मक हैं।
Leave 5 line for diagram
5. परावैद्युत शक्ति - वह महत्तम विद्युत क्षेत्र जिसे परावैद्युत बिना शक्तिक्षय कार्य करता है, को परावैद्युत शक्ति कहते है। इसकी SI मात्रक वोल्ट /मीटर होता है।
सापेक्षिक विद्युतशीलता दो आवेशों के बीच लगता हुआ कूलॉम बल निर्वात में तथा माध्यम में, का अनुपात सापेक्षिकशीलता (पराविद्युत स्थिरांक) कहलाता है।
अतः Er= कूलॉम बल निर्वात में /कूलॉम बल माध्यम में
यह न तो मात्रक रखता है और न वीमा
6. विद्युत द्विध्रुव-आघूर्ण - किसी द्विध्रुव की लम्बाई तथा उसके एक आवेश के परिमाण के गुणनफल को द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे p द्वारा निरूपित करते हैं। इसकी दिशा ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की ओर होती है। इसकी SI मात्रक C-m है।
अतः p=q (2l)
7. दो विद्युत क्षेत्र की बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काट सकती हैं क्योंकि विद्युत क्षेत्र की दिशा प्रत्येक बिन्दु पर स्पर्शीय होता है। दो स्पर्शीय रेखा एक-दूसरे को नहीं काटती हैं।
नहीं, दो समविभव सतहें एक-दूसरे को कभी नहीं काट सकती हैं।
8. धारावाही चालक में आवेश का न तो क्षय होता है और ना प्राप्ती इसलिए धारावाही चालक में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी।
समविभव सतह — समविभव सतह वह सतह है जिसके प्रत्येक बिन्दु पर विभव का मान समान (स्थिर) होता है।
9. (i) आवेश अपरिवर्तनीय (Invariant) होता है।
(ii) आवेश का क्वाण्टीकरण होता है।