History
पाठ -3
इन्डो चाइना में राष्ट्रवादी आन्दोलन
धर्म और उपनिवेश
वियतनाम की धार्मिक मान्यताओं में बुद्ध, कंफ्यूसियस और कई स्थानीय रीतियों का मिश्रण था। फ्रेंच मिशनरियों ने वहाँ इसाई धर्म को लाया था। उन्हें वियतनाम के लोगों का आलसी व्यवहार पसंद नहीं था। तेरहवीं सदी से पश्चिमी मान्यताओं के खिलाफ कई धार्मिक आंदोलन शुरु हो गए। 1969 का स्कॉलर रिवोल्ट ऐसा ही एक आंदोलन था जो इसाई धर्म के खिलाफ था।
हुइन फू सो: इसी तरह के आंदोलनों में से एक था होआ हाओ। इसकी शुरुआत 1939 में हुई थी और यह मेकॉग डेल्टा के क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हुआ था। इस आंदोलन ने उन्नीसवीं सदी के फ्रेंच विरोधी और लोकप्रिय धार्मिक भावनाओं से प्रेरणा ली थी। होआ हाओ आंदोलन के जनक का नाम था हुइन फू सो वे कई तरह के चमत्कार किया करते थे और गरीबों की मदद करते थे। वे अनाप शनाप खर्चे की आलोचना करते थे और काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने बाल विवाह, जुआ, शराब और अफीम के खिलाफ भी आंदोलन चलाया था।
फ्रेंच शासकों ने हुइन फू सो के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। उन्होंने उसे पागल करार कर दिया और उसे पागल बोन्ये का नाम दिया। उसे एक पागलखाने में डाल दिया गया। लेकिन जिस डॉक्टर को उसे पागल होने का सर्टिफिकेट देना था वहीं उसका फैन बन गया। आखिर में उसे देशनिकाला देकर लाओस भेज दिया गया। उसके कई अनुयायियों को कॉन्संट्रेशन कैंपों में डाल दिया गया।
फान बोई चाऊ (1867-1940): वे एक राष्ट्रवादी थे जिनकी शिक्षा कन्फ्यूशियन पद्धति से हुई थी। उसने 1903 में रिवोल्यूशनरी
सोसाइटी (डुई तान होई) का गठन किया जिसका नेतृत्व प्रिंस कुओंग डे करते थे। फान बोई चाऊ 1905 में योकोहामा में चीनी सुधारक लिआंग क्वीचाओ (1873 1929) से मिले। फान द्वारा लिखित सबसे प्रभावशाली किताब थी 'द हिस्टरी ऑफ लॉस ऑफ वियतनाम'। इस किताब में क्वीचाओ का गहरा प्रभाव दिखता है। इस किताब में मुख्य रूप से दो मुद्दों पर बात की गई थी, स्वायत्तता का नाश और चीन के साथ टूटे हुए संबंध वियतनाम की आजादी की लड़ाई में फान एक अग्रणी व्यक्ति के रूप में गिने जाते हैं।
फान शु ट्रिन (1871 1926): ये फान बोई चाऊ के विचारों के सख्त खिलाफ थे। ये राजतंत्र के खिलाफ थे और इस बात के विरोधी थे कि फ्रेंच का विरोध करने के लिए कोर्ट की मदद ली जाए। वे पश्चिम के प्रजातांत्रिक भावनाओं से बहुत प्रभावित थे। उन्हें फ्रांस के लोगों की स्वच्छंदता की भावना भी पसंद थी। वे चाहते थे कि फ्रेंच शासक कानूनी और शैक्षिक संस्थाओं का निर्माण करें और कृषि और उद्योग को बढ़ावा दें।
चीन और जापान का प्रभाव बीसवीं सदी के पहले दशक में वियतनाम से कई छात्र आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने जापान गए जापान जाने का
मुख्य उद्देश्य था वियतनाम से फ्रेंच लोगों को भगाना, कठपुतली राजा को उखाड़ फेंकना और एंगुएन वंश के शासन को फिर से बहाल करना। वे जापानियों से एक एशियाई होने के नाते मदद की गुहार करते थे।
जापान एक आधुनिक देश बन चुका था और इसने पश्चिमी ताकतों द्वारा उपनिवेश बनाने की कोशिशों को नाकाम कर दिया था। 1907 में जापान की रूस पर फतह ने जापान की सैन्य शक्ति को साबित कर दिया था। 1908 के बाद जापान की मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर ने वियतनामी छात्रों की क्रांतिकारी गतिविधियों पर अंकुश लगा दिया। कई क्रांतिकारियों को जापान से निकाल दिया गया और उन्हें चीन और थाइलैंड में पनाह लेने पर विवश होना पड़ा। फान बोई चाऊ भी उनमें से एक थे।
चीन में आने वाले बदलाव भी वियतनाम के राष्ट्रवादियों पर अपना प्रभाव डाल रहे थे। 1911 में सन यात सेन के नेतृत्व में एक लोकप्रिय आंदोलन हुआ था जिसने लंबे समय से चले आ रहे राजतंत्र को समाप्त किया और लोकतंत्र को बहाल किया था। उस घटना से वियतनाम के छात्र काफी प्रभावित थे। उन्होंने एसोसियेशन फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ वियतनाम (वियत कुआन फुक होई) बनाया। अब आजादी की लड़ाई का मतलब था एक लोकतंत्र की स्थापना ।
कम्यूनिस्ट आंदोलन और वियतनाम का राष्ट्रवाद
1930 के दशक की आर्थिक मंदी का वियतनाम पर गहरा असर पड़ा था। चावल और रबर की कीमतों में भारी गिरावट हुई थी। इसके कारण गाँवों में बेरोजगारी बढ़ी और लोगों पर कर्जे बढ़ गए। इसकी परिणति हुई ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की उठती आवाजों में। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिरोध के मुख्य केंद्रबिंदु थे नगे अन और हा तिन राज्य। लेकिन उस विरोध को फ्रेंच शासकों ने कुचलता दिया। उस विरोध को कुचलने के लिए विमान और बम का इस्तेमाल भी किया गया।
1930 की फरवरी में हो ची मिन ने कई विरोधी राष्ट्रवादी गुटों को एक साथ लाकर वियतनाम कम्यूनिस्ट पार्टी (वियतनाम कॉन्ग सन डांग) को शुरु किया। बाद में इसका नाम इंडो चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी कर दिया गया।
वियतनाम में लोकतंत्र की स्थापना: जापान जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहा था ने 1940 में वियतनाम पर कब्जा जमा लिया। अब राष्ट्रवादी नेताओं को फ्रेंच के अलावा जापानियों के खिलाफ भी लड़ना पड़ रहा था। लीग ऑफ द इंडेपेंडेंस ऑफ वियतनाम (वियत नाम डॉक लैप डोंग मिन); जिसे बाद में वियतमिन के नाम से जाना गया ने जापानी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी और 1945 में हनोई को अपने कब्जे में ले लिया। इस तरह से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ वियतनाम का निर्माण हुआ जिसके चेयरमैन बने हो ची मिन
वियतनाम का विभाजन
फ्रेंच ने दोबारा अपना नियंत्रण लेने की कोशिश की। उन्होंने इस काम के लिए वहाँ के राजा बाओ दाई को कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया। वियतमिन को पहाड़ियों में भागकर छुपने को मजबूर होना पड़ा। आठ साल की लड़ाई के बाद वियतमिन फ्रांसीसियों को दियेन बियेन फू में 1954 में हराने में कामयाब हो गया।
फ्रांस की हार के बाद जेनेवा में एक शांति वार्ता हुई। वियतनाम को दो भागों में विभाजित कर दिया गया; उत्तरी और दक्षिणी
वियतनाम हो ची मिन और कम्यूनिस्टों ने उत्तर में सत्ता संभाली। बाओ दाई की सरकार ने दक्षिण में सत्ता संभाली।
कुछ ही दिनों बाद नगो दिन दिएम के नेतृत्व में बाओ दाई शासन का तख्तापलट हो गया दिएम ने एक तानाशाह शासन व्यवस्था बनाई। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने दिन दिएम के तानशाही शासन का विरोध किया। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने हो ची मिन सरकार की मदद ली और देश के एकीकरण के लिए संघर्ष किया।
अमेरिकी कब्जा
युद्ध में अमेरिका का शामिल होना: अमेरिका को यह चिंता सताए जा रही थी कि किसी कम्यूनिस्ट सरकार के बहाल होने से उसकी परिपाटी शुरू हो सकती थी और आसपास के इलाकों में वैसी ही शासन व्यवस्था कायम हो सकती थी। कम्यूनिज्म को फैलने से रोकने के लिए अमेरिका ने वियतनाम पर आक्रमण कर दिया।
अमेरिका ने वियतनाम के युद्ध में बड़ी संख्या में अपने सैनिकों का इस्तेमाल किया और अत्याधुनिक हथियारों और साज सामानों का भी इस्तेमाल किया। अत्याधुनिक तकनीक और दवाइयों की समुचित आपूर्ति के बावजूद वियतनाम में अमेरिकी सेना के सैनिक भारी संख्या में हताहत हुए। उस युद्ध में उस समय के सबसे शक्तिशाली बॉम्बर प्लेन B52 का इस्तेमाल भी किया गया। लगभग 47,000 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 303,000 सैनिक घायल हुए। उनमें से कोई 23,000 सैनिक पूर्ण रूप से अपाहिज हो गये।
वियतनाम के लोगों का अमेरिकी शक्ति के सामने प्रदर्शन से यह साबित हो गया कि मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होने से एक
कमजोर सेना में भी जान आ जाती है अमेरिका ने इस बात को शायद नजरअंदाज कर दिया था।
अमेरिका पर प्रभावः वियतनाम में अमेरिकी दखल का विरोध ज्यादातर अमेरिकी कर रहे थे। कई समकालीन विचारकों का मानना था कि अमेरिका को ऐसे युद्ध में पड़ना ही नहीं चाहिए था जिसमें जीतने की संभावना न के बराबर थी।
मीडिया की भूमिका: अमेरिकी मीडिया और फिल्म ने इस युद्ध की सराहना भी की और आलोचना भी जॉन वाएन की फिल्म ग्रीन बेरेट (1968) ने वियतनाम में अमेरिकी दखलंदाजी का समर्थन किया। जॉन फोर्ड कोपोला की फिल्म ऐपोकैलिप्स नाउ (1979) ने वियतनाम में अमेरिकी दखलंदाजी की आलोचना की।
हो ची मिन ट्रेल: यह पगडंडियों और सड़कों का एक बड़ा भारी जाल था। इसका इस्तेमाल आदमी और सामान को उत्तर से दक्षिण की ओर ले जाने के लिए किया जाता था। इसके रास्ते में कई अस्पताल और सपोर्ट बेस थे। ज्यादातर सामानों को महिलाओं और बच्चों द्वारा साइकिल से ले जाया जाता था। उस ट्रेल का ज्यादातर हिस्सा वियतनाम से बाहर लाओस और कम्बोडिया में था और उसकी शाखाएँ दक्षिण वियतनाम तक जाती थीं। सामान और लोगों की आवाजाही रोकने के लिए अमेरिका उस ट्रेल पर हमेशा बमबारी करता था। लेकिन वियतनाम के लोग तुरंत ही उसकी मरम्मत कर लेते थे। हो ची मिन ट्रेल वियतनाम के लोगों की दिलेरी
और सूझबूझ की गवाही देता है।
महिलाओं की भूमिका: चीन की तुलना में वियतनाम की महिलाओं को अधिक समानता प्राप्त थी। खासकर से निचले वर्ग के लोगों में तो ये बात और भी प्रखर थी। लेकिन उनकी स्वतंत्रता सीमित थी और वे सार्वजनिक जीवन में कोई भी योगदान नहीं कर पाती थीं।
राष्ट्रवादी आंदोलन के परवान चढ़ने के साथ साथ लेखकों और विचारकों ने महिलाओं को समाज के कायदे कानूनों के विरोधी के रूप में चित्रित करना शुरु कर दिया था। हो ची मिन ट्रेल से होकर सामान की सप्लाई करने के साथ साथ महिलाओं ने युद्ध में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसके अलावा शांति काल के समय अर्थव्यवस्था को ठीक करने में भी वहाँ की महिलाओं ने पूरी जिम्मेदारी उठाई।
अमेरिकी कब्जे का अंत 1974 की जनवरी में पेरिस में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए। उस समझौते के साथ अमेरिका के साथ होने वाली लड़ाई समाप्त हुई। लेकिन साइगाओं शासन और NLF के बीच लड़ाई जारी रही। 30 अप्रैल 1975 को NLF ने साइगाओ के राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया और एक सकल वियतनाम की स्थापना की।
1. समन्वयवाद :- एक ऐसा विश्वास जिसमें विभिन्नताओं की बजाए समानताओं पर ध्यान देते हुए अलग-अलग मान्यताओं और आचारों को एक दूसरे के साथ लाने का प्रयास किया जाता है।
2. यातना शिविर एक प्रकार की जेल जिसमें कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही लोगों को कैद में डाल दिया जाता है और उन्हें कठोर यातनाएँ दी जाती है।
3. गणतंत्रा : आम जनता की सहमति और जन-प्रतिनिधित्व पर आधारित शासन व्यवस्था ।
4. सुधर विरोधी :- ऐसा व्यक्ति या विचार जो लोगों का गुमराह करने वाला हो।
5. उपनिवेशवाद:- जिसमें एक शक्तिशाली राष्ट्र दूसरे राष्ट्र या राष्ट्रो पर शासन करता है।
6. साम्यवाद :- साम्यवाद एक राजनैतिक आन्दोलन है जो एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था में विश्वास करता है जिसने राज्य जनता की ओर से सभी उत्पादन साधनों पर नियंत्राण रखता है। इसका उद्देश्य समाज में सभी को समानता अधिकार देना है।
7. साम्राज्यवाद :- ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक देश दूसरे देशों पर शासन करता है।
8. नापाम :- अमेरिका में विकसित किया एक ऐसा आर्गेनिक कपाउंड जो धीरे-धीरे जलता है और मानव त्वचा के संपर्क में आने पर उससे चिपक कर त्वचा को जलाता रहता है।
प्रश्न- इंडो चाइना में सम्मिलित देशों के नाम बताइए ।
उत्तर- इंडो चाइना निम्नलिखित तीन देशों से मिलकर बना
1. वियतनाम 2. , लाओस
3. कंबोडिया
प्रश्न- इंडो चाइना मे रहने वाले लोग शुरू में किस शक्तिशाली सामाज्य के अधीन थे ?
उत्तर चीनी साम्राज्य ।
प्रश्न-व्यापार के माध्यम से वियतनाम किन गैर वियतनामी समुदाय से जुड़ा हुआ था ?
उत्तर- खमेर और कंबोडियाई समुदाय
प्रश्न कोलोन किसे कहा जाता है।
उत्तर वियतनाम में रहने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को कोलोन कहते हैं।
प्रश्न- फ्रांसीसी सेना वियतनाम में कब आई तथा फ्रेंच इंडो चाइना का गठन कब किया गया ?
उत्तर फ्रांसीसी सेना वियतनाम में 1858 में आई तथा फ्रैंच इंडोचाइना का गठन 1887 में किया गया।
प्रश्न- " टोकिन फ्री" स्कूल की स्थापना कब की गई ?
उत्तर " टोकिन फ्री " स्कूल की स्थापना सन् 1907 में की गई। प्रश्न- फ्रांसीसी सरकार के विरोध में वियतनामी छात्र छात्राओं ने किस राजनैतिक पार्टी की स्थापना
की ?
उत्तर फ्रांसीसी सरकार के विरोध में वियतनामी छात्र छात्राओं ने यंग अन्नान नामक राजनैतिक
पार्टी की स्थापना की ।
प्रश्न हनोई पर प्लेग का हमला कब और कैसे हुआ ?
उत्तर - हनोई पर प्लेग का हमला 1903 में, गंदगी व कूड़ा कचरा बढ़ाने और चूहों के बढ़ने से हुई ।
प्रश्न पेरिस शांति संधि कब हुई ? -
हैं:
उत्तर- पेरिस शांति संधि 1974 में हुई
प्रश्न - एन. एल. एफ का शाब्दिक अर्थ बताइए तथा यह टुकड़ी साइगॉन में कब दाखिल हुई ?
उत्तर National Libersation Front.
प्रश्न फान बोई चाऊ ने किस पार्टी का गठन किया ?
उत्तर फान बोई चाऊ ने 1903 में रेवोल्यमशनरी नामक पार्टी का गठन किया। प्रश्न वियतनामी साम्यवादी दल की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर वियतनामी साम्यवादी दल की स्थापना 1903 में हो ची मिन्ह ने की।
प्रश्न नापाम' शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - अग्नि बमों के लिए गैसलीन की फुलाने में इस्तेमाल होने वाला एक आर्गेनिक कंपाउण्ड था
प्रश्न वियतनामी युद्ध को प्रथम टेलीवीजन युद्ध क्यों कहा गया है।
उत्तर वियतनम और अमेरिका के बीच होने वाले युद्ध की घटनाओं को पहली बार टेलीवीजन पर -
दिखाया गया । इसलिए इसे टेलीवीजन युद्ध कहते हैं
प्रश्न दो साम" कौन थे ?
उत्तर दो साम वियतनामी तोपखाना रेजीमेंट में कर्नल थे ।
प्रश्न वियतनाम का एकीकरण कब हुआ ?
उत्तर - वियतनाम का एकीकरण 30 अप्रैल 1975 को हुआ था ।
प्रश्न- 'सभ्यता मिशन " का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर 'सभ्यता मिशन" का आशय हैं अधिक से अधिक शिक्षा व धर्म का प्रचार ।
प्रश्न "सिल्क रूट " के महत्व को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर सिल्क रूट के द्वारा वस्तुओं, लोगों और विचारों की आवाजाही थी ।
प्रश्न: कोलोन किसे कहा जाता था ?
उत्तर: वियतनाम में रहने वाले फ्रांसिसी नागरिकों को कोलोन कहा जाता था ।
प्रश्नः न्धे अन और हा तिन्ह प्रान्तों को वियतनाम की 'लपलपाती चिंगारी' क्यों कहा जाता था ?
उत्तरः न्धे अन और हा तिन्ह वियतनाम के दो ऐसे गरीब प्रान्त थे जहाँ रैडिकल आन्दोलनों की एक
लम्बी परम्परा चली आ रही थी। जब भी संकट आता था तो सबसे पहले वहीं असंतोष की ज्वाला
भड़कती थी । इस लिए इन दो प्रान्तों को वियतनाम की 'लपलपाती चिंगारी' कहा जाता था ।
प्रश्न: फ्रांसीसियों ने बगावतों को कुचलने के लिए क्या सख्ती दिखाई ?
उत्तर: महामंदी के कारण रबड़ और चावल के दम गिर गए और कर्जा बढ़ने लगा और चारों ओर विद्रोह का बोलबाला बढ़ने लगा तो फ्रांसीसियों ने बगावतों को कुचलने के लिए सख्ती दिखाई । यहाँ
तक की जुलूसों पर हवाई जहाजों से बमबारी की गई ।
प्रश्न: किस देश ने 1940 में वियतनाम पर कब्ज़ा कर लिया ?
उत्तरः जापान ने |
प्रश्न: 1968 में जॉनवेन की फिल्म 'ग्रीन बेरेट्स' किस बात पर बनी थी ?
उत्तर: 1968 में जॉनवेन की फिल्म 'ग्रीन बेरेंट्स' अमेरिका द्वारा वियतनाम में चलाये जा रहे युद्ध के समर्थन में बनाई गई थी ।
प्रश्न: जॉन फोर्ड कपोल की फिल्म एपोकैलिप्स नाउ (1979) में क्या दर्शाया गया था ?
उत्तर: जॉन फोर्ड कपोल की फिल्म एपोकैलिप्स नाउ (1979) में इस बात को दर्शाया गया था कि
अमेरिकी वियतनाम युद्ध से अमेरिका में कितना भ्रम पैदा हुआ था ।
प्रश्न: अमेरिकी वियतनाम युद्ध शुरू होने के तत्कालिक कारण क्या थे ?
उत्तर: इस युद्ध के तत्कालिक कारण यह था कि अमेरिकी निति निर्माताओं को इस बात की चिंता थी कि अगर हो ची मिन्ह की सरकार अपनी योजनाओं में कामयाब हो गए तो आसपास के दुसरे देशों में भी कम्युनिस्ट सरकारें स्थापित हो जायेंगी ।
प्रश्न: वियतनाम लोकतान्त्रिक गणराज्य की स्थापना कब की गई और इसका अध्यक्ष किसे चूना गया
?
उत्तर: सितम्बर 1945 में जापानियों से हनोई को आजाद करा लिया गया और इसके बाद वियतनाम लोकतान्त्रिक गणराज्य की स्थापना की गई। जिसका अध्यक्ष हो ची मिन्ह को चूना गया
प्रश्न: फ्रांसिसी लोग वियतनामियों को पूरी फ्रांसिसी शिक्षा देने के विरोध क्यों कर रहे थे ? स्पष्ट
कारण दीजिए |
उत्तर: फ्रांसिसियों के सामने यह समस्या थी कि वियतनामियों को किस हद तक शिक्षा दी जाए | लेकिन गुलामों को पढ़ाने लिखाने से समस्या भी पैदा हो सकती थी। शिक्षा प्राप्त करने के बाद वियतनामी लोग औपनिवेशिक शासन पर सवाल भी उठा सकते थे। अतः वे लोग वियतनामियों को पूरी फ्रांसिसी शिक्षा देने के विरोध कर रहे थे T
प्रश्न सरंचनागत परियोजना किसे कहते है ?
उत्तर ऐसी विशाल परियोजनाए जिसमें अर्थव्यवस्था का ढाँचा तैयार होता हैं। उदाहरण: बड़ी सड़क परियोजनाएँ रेल नेटवर्क या बिजली आदि इसी तरह की परियोजनाए हैं ।
प्रश्न समन्यवाद का क्या अर्थ है?
उत्तर ऐसा विश्वास जिसमें भिन्नताओं की बजाय समानताओं पर ध्यान देते हुए अलग अलग मान्यताओं और आचारों को एक दूसरे के साथ लेना का प्रयास किया जाता हैं ।
3 अंक वाले प्रश्न:
प्रश्न- फ्रांसीसियों को उपनिवेशों की जरूरत क्यों पड़ी अपने उतर के पक्ष में तीन तर्क दीजिए ।
उत्तर फ्रांसीसियों को उपनिवेशों की जरुरत निम्न के लिए पड़ी: 1. प्राकृतिक संसाधन हासिल करने और जरूरी साजा समान जुटाने के लिए उपनिवेश जरूरी माना जाता था। 2. इसके अलावा दूसरे पश्चिमी राष्ट्रों की तरह फ्रांसीसियों को भी लगता था कि दुनिया के पिछड़े
समाज तक सभ्यता को रोशनी पहुँचाना विकसित यूरोपीय राष्ट्रों का जरूरी था।
3. अपने विकास के लिए भी फ्रांसीसियों को उपनिवेशों की जरूरत पड़ी
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प्रश्न - उपनिवेशों का विकास क्यों जरूरी है। तीन बिंदुओं में स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर उपनिवेशों का विकास जरूरी हैं। उपनिवेशों की अर्थव्यवस्था का विकास बहुत जरूरी है। उपनिवेश मुनाफा कमाने के लिए ही बनाए जाते हैं। अगर किसी गुलाम देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और जीवनस्तर बेहतर होगा तो वे जयादा चीजें खरीदेंगें जिससे बाजार फैलेगा और फ्रांसीसी व्यवसायों को फायदा होगा।
प्रश्न- "एकतरफा अनुबंध" व्यवस्था का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- वियतनाम के बागानों में इस तरह की मजदूरी व्यवस्था काफी प्रचलित थी। इस व्यवस्था में
मजदूर ऐसे अनुबंधो के तहत काम आते थे जिनमें मजदूरों को काई अधिकार नहीं दिए जाते थे जबकि मालिकों को बेहिसाब अधिकार मिलते थे। अगर मजदूर अनुबंध के शर्तों के हिसाब से अपना काम पूरा न कर पाए तो मालिक उनके खिलाफ मुकदमे दायर कर देते थे । प्रश्न - फ्रांसीसी चीनी युद्ध का क्या परिणाम हुआ ? अपने उतर की पुष्टि तीन तथ्यों द्वारा प्रकट कीजिए ।
उत्तर- फ्रांसीसी चीनी युद्ध के निम्न परिणाम हुए:
1 2 3 1. इस युद्ध के परिणाम स्वरूप वियतनाम ने टोंकिन और अनाम पर भी कब्जा कर लिया
2. इस युद्ध के परिणामस्वरूप 1887 में फ्रैंच इंडो चाइना का गठन किया गया । 3. फ्रांसीसी शासक वियतनाम पर अपना कबजा स्थापित करते गए।
प्रश्न वियतनाम की आर्थिक प्रगति को बाधित करने वाली तीन समस्याओं का वर्णन करो।
उत्तर वियतनाम की आर्थिक प्रगति को बाधित करने वाली तीन समस्याए निम्न थी:
1. देश की आबादी ज्यादा थी।
2. खेती का उत्पादन स्तर कम था । 3. किसान भारी कर्जे में डूबे हुए थे ।
प्रश्न: 1902 में फ्रांसीसी सरकार द्वारा चूहों को पकड़ने के लिए अपनाए गए किन्ही तीन उपायों का
वर्णन कीजिए |
उत्तर:
(i) चूहों को पकड़ने के लिए वियतनामियों को काम पर रखा गया और उन्हें हर चूहे के बदले ईनाम दिया जाने लगा |
(ii) उन्हें पैसे लेने के लिए चूहों की कटी पूँछ दिखानी होती थी ।
(iii) बाद में लोगों ने पैसे कमाने के लालच में घर में ही चूहे पालने लगे और चूहों की कटी पूँछ दिखा देते थे और चूहों को जिन्दा छोड़ देते थे ।
प्रश्न: पाठशालायें राजनैतिक आखाड़ों में क्यों तब्दील होने लगी, इस कथन की पुष्टि कीजिए
उत्तर:
(i) 1920 के दशक तक छात्र और छात्राएं राजनितिक पार्टियाँ बनाने लगे थे।
(ii) शिक्षा पर नियंत्रण के माध्यम से फ्रांसिसी लोग वियतनाम पर कब्ज़ा को और मजबूत करना l
(iii) वे जनता की मूल्य-मान्यताओं, तौर-तरीकों और रवैयों को बदलने का प्रयास करने लगे ।
(iv) वियतनामी बच्चों को इस प्रकार शिक्षा दी जाती थी कि उनको सफेदपोश नौकरियों के लायक योग्यता न मिले। छात्र-छात्राओं में उनकी इस चाल का जमकर विरोध करने लगे ।
(v) फ्रांसिसी लोग वियतनामियों को पूरी शिक्षा देने का विरोध करते थे ।
(vi) 1926 में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में एक बड़ा आन्दोलन खड़ा हो गया जिसके बाद लोग खुलेआम जुलुस निकालने लगे |
प्रश्न: होआहाओ आन्दोलन क्या था ? अपने उत्तर की पुष्टि तीन तर्कों के द्वारा कीजिए ।
उत्तर : होआ हाओ आन्दोलन 1939 में शुरू हुआ था । यह आन्दोलन उन्नीसवीं सदी के उपनिवेशवाद विरोधी आन्दोलन में उपजे विचारों से प्रेरित था। इस आन्दोलन के संस्थापक का नाम हुइन्ह फू सो था । वह क्जदू टोना और गरीबों की मदद किया करते थे । व्यर्थ खर्चे के खिलाफ जो वे
उपदेश देते थे उसका लोगों पर काफी असर था। वह बालिका वधुओं की खरीद-फरोख्त, शराब व अफ़ीम के प्रखर विरोधी थे ।
(i) फ्रांसिसियों ने हुइन्ह फू सो के विचारों पर आधारित आन्दोलन को कुचलने का कई तरह से प्रयास
किया |
(ii) उन्होंने हुइन्ह फू सो को पागल घोषित कर दिया और सरकार ने उन्हें पागलखाने में डाल दिया | (iii) फ्रांसिसी सरकार ने उन्हें वियतनाम से निष्कासित करके लाओस भेज दिया और उनके बहुत से
अनुयायियों को यातना शिविर में डाल दिया गया |
प्रश्न: वियतनाम गणराज्य के सामने मुख्य चुनौतियाँ क्या थी ? तीन का वर्णन करों ।
उत्तर: वियतनाम गणराज्य के सामने निम्नलिखित मुख्य चुनौतियाँ थी | (i) फ्रांसीसियों की पराजय के बाद वियतनाम में दो अलग-अलग देश बना दिए गए उतरी और
दक्षिणी वियतनाम | इस बँटवारे से पूरा वियतनाम युद्ध के मोर्चे में तब्दील हो गया ।
(ii) दक्षिणी वियतनाम में तख्तापलट हो गया जहाँ बाओ डाई को गद्दी से हटा दिया गया और दीएम् अगुआई में एक और दमनकारी व निरंकुश शासन की स्थापना हुई। जिससे वियतनाम के सा वियतनाम की एकीकरण की चुनौती थी।
(iii) वियतनाम में कम्युनिस्टों के शासन के डर से अमेरिका ने अपनी फौज और गोला-बारूद वियतनाम में तैनात करना शुरू कर दिया ।
प्रश्न: हो ची मिन्ह भूलभुलैया मार्ग की मुख्य तीन विशेषताएँ बताइए |
उत्तर:
(i) यह फुटपाथों और सड़कों का एक विशाल नेटवर्क था जिसके जरिए देश के उत्तर से दक्षिण की
ओर सैनिक व रसद भेजी जाती थी ।
(ii) इस मार्ग पर जगह-जगह छोटे-छोटे सैनिक अड्डे और अस्पताल बने हुए थे । कुछ इलाकों में माल ढुलाई के लिए ट्रकों का इस्तेमाल होता था | (ii) 1967 के बाद हर महीने लगभग 20,000 उतरी वियतनामी सैनिक इसी रास्ते से होते हुए
दक्षिणी वियतनाम पहुँचते थे । प्रश्न: चीन के विरुद्ध में ट्रंग बहनों का क्या योगदान रहा ? वर्णन कीजिए |
उत्तर: इन ट्रंग बहनों ने वियतनामी राष्ट्र को चीनियों से मुक्त कराने के लिए देशभक्ति के भाव से कई कारनामें किये | उन्होंने चीनियों का दो साल तक मुकाबला किया और अंत में जब उन्हें अपनी पराजय निश्चित दिखाई देने लगा तो शत्रु के सामने आत्मसमर्पण के बजाय उन्होंने खुदकुशी कर ली
प्रश्न: वियतनामी समाज में औरतों की समाजिक स्थिति का वर्णन कीजिए |
उत्तर:
(i) औरतों की स्थिति पुरुषों के मुकाबले कमजोर थी ।
(ii) वे अपने भविष्य के बारे में अहम् फैसले नहीं ले सकती थी । (iii) सार्वजानिक जीवन में उनका कोई खास दखल नहीं होता था |
प्रश्नः त्रियु अयु कौन थी ? वियतनाम के इतिहास में इनका नाम महत्वपूर्ण और सम्मानित रहा है,
क्यों?
उत्तर: त्रियु अयु तीसरी सदी की वियतनामी विद्रोहिणी थी। वह बचपन से यतीम थी और माँ-बाप के मरने के बाद वह अपने भाई के साथ रहने लगी और बड़ी होने पर घर छोड़ कर जंगल में चली गई और और वही एक विशाल सेना का गठन किया और चीनियों के वर्चस्व को चुनौती दी । संघर्ष के बाद जब उनकी सेना हार गई तो उन्होंने पानी में डूबकर अपनी जान दे दी। वियतनामियों के लिए वह एक देवी बन गई थीं |
4 अंक के प्रश्न:
प्रश्न: वियतनाम में फ्रांसिसी शिक्षाविदों के बीच भाषा के माध्यम पर क्या मतभेद थे ? दो बिन्दुओं में
विवरण दीजिए |
उत्तर: चूँकि वियतनाम में वहाँ के धनी और अभिजात्य तबके के लोग चीनी संस्कृति से गहरे तौर पर प्रभावित थे । चीनी भाषा को हटाकर लोगों को कौन सी भाषा पढाई जाये वियतनामी भाषा या फ्रांसिसी भाषा इस बात पर वहाँ के शिक्षाविदों में दो मत थे।
(i) पहला मत यह था कि फ्रांसिसी भाषा को ही शिक्षा का माध्यम बनाया जाये फ्रांसिसी भाषा सिखने से वियतनाम के लोग फ्रांस की संस्कृति और सभ्यता से परिचित हो जाएँ, ताकि वियतनाम के शिक्षा प्राप्त लोग फ्रांसिसी भावनाओं का सम्मान करने लग जाएँ और फ्रांसिसियों के लिए लगन से काम करने लग जाएँ ।
(ii) दूसरा मत यह था कि छोटी कक्षाओं में वियतनामी भाषा और बड़ी कक्षाओं में फ्रांसिसी भाषा में
शिक्षा दी जाएँ तो ज्यादा बेहतर होगा। वे चाहते थे कि यदि थोड़े से ही लोग फ्रांसिसी भाषा लिख ले और फ्रांस की संस्कृति सिख ले तो उन्हें फ्रांस की नागरिकता दे दी जाएगी |
प्रश्न: शिक्षा के क्षेत्र में फ्रांसिसियों की मुख्य क्या समस्या थी ? उन्होंने इसका समाधान किस प्रकार
किया ?
उत्तरः
(i) फ्रांसिसियों के सामने यह समस्या थी कि वियतनामियों को किस हद तक शिक्षा दी जाए । लेकिन गुलामों को पढ़ाने लिखाने से समस्या भी पैदा हो सकती थी । शिक्षा प्राप्त करने के बाद वियतनामी लोग औपनिवेशिक शासन पर सवाल भी उठा सकते थे। अतः वे लोग वियतनामियों को पूरी फ्रांसिसी शिक्षा देने के विरोध कर रहे थे ।
(ii) वियतनाम में वहाँ के धनी और अभिजात्य तबके के लोग चीनी संस्कृति से गहरे तौर पर
प्रभावित थे | उन्हें अपने सत्ता को सुदृढ़ आधार प्रदान करने के लिए इस प्रभाव को समाप्त करना
जरुरी था । फलस्वरूप उन्होंने परम्परागत शिक्षा व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से तहस-नहस कर
दिया और वियतनामियों के लिए फ्रांसिसी किस्म के
स्कुल
खोले ।
प्रश्नः 1920 के दशक में फ्रांसिसी व्यापारी वियतनाम में सरकार पर संरचनात्मक परियोजनाओं को
विकसित करने के लिए दवाव डाल रहे थे। चार बिंदु देकर स्पष्ट करो |
उत्तर:
(i) फ्रांसिसी व्यवसायी अपने कारोबार में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते थे जिससे वह इस क्षेत्र में विकास चाहते थे
(ii) व्यापारिक वस्तुओं के आवागमन के लिए उन्होंने एक विशाल रेल नेटवर्क बनाया | (iii) फौजी टुकड़ियों की आवाजाही के लिए ।
(iv) वियतनाम के पुरे क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए |
प्रश्न: 1931 तक वियतनाम किस प्रकार विश्व में चावल का तीसरा बड़ा निर्यातक देश बन गया ? स्पष्ट करो |
उत्तर: 1931 तक वियतनाम विश्व में चावल का तीसरा बड़ा निर्यातक देश बन गया क्योंकि -
(i) फ्रांसिसियों ने वियतनाम के मेकोंग डेल्टा इलाके में खेती बढ़ाने के लिए सबसे पहले वहाँ नहरें • बनाई और जल निकासी का प्रबंध शुरू किया और सिंचाई की विशाल व्यवस्था बनाई गई ।
(ii) बहुत सारी नहरें और भूमिगत जलधाराएँ बनाई गयी, ज्यादातर लोगों को जबदस्ती काम पर
लगा कर सिंचाई की व्यवस्था बनाई गई जिससे अब चावल के उत्पादन में वृद्धि होने लगी ।
(iii) 1873 में चावल की खेती केवल 2,74,000 हेक्टेअर इलाके में होती थी लेकिन मात्र 27 साल बाद ही इन व्यस्थाओं के कारण 22 लाख हेक्टेयर हो गया । वियतनाम का दो तिहाई चावल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जाने लगा ।
प्रश्न: स्कूली किताबों में किस प्रकार फ्रांसिसी सभ्यता का गौरवगान किया गया तथा औपनिवेशिक शासन को उचित ठहराया गया ? स्पष्ट कीजिए | उत्तर: स्कूली किताबों में फ्रांसिसियों का गुणगान किया जाता था और औपनिवेशिक शासन को सही
ठहराया जाता था। वियतनामियों को आदिम और पिछड़ा दर्शाया जाता था जो शारीरिक श्रम को कर
सकते हैं लेकिन बौद्धिक कार्मों के लायक नहीं हैं; वे खेतों में काम तो कर सकते हैं लेकिन अपना शासन खुद नहीं चला सकते; वे माहिर नकलची तो हैं पर उनमें रचनाशीलता नहीं है। बच्चों को यह पढाया जाता था कि वियतनाम में केवल फ्रांसिसी ही शांति कायम कर सकते हैं । जब से औपनिवेशिक शासन के कारण ही वियतनामी किसान डाकुओं के भय से मुक्त हुए है और चारों तरफ अमन और चैन है।