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शिक्षा निदेशालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, , विषय : हिंदी (मानवीय करुणा की दिव्य चमक) कार्यपत्रक : 78 तिथि: 27/01/2022, कक्षा 7:10: विदयाथी का नाम!.३६०००८४४६०४४८ मकर कक्षाध्यापक का नाम, , प्यारे बच्चो! पिछले कार्यपत्रक में हम सभी ने फ़ादर कामिल बुल्के की शैक्षिक और साहित्यिक यात्रा के, बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही उनकी जीवन यात्रा के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई। वह संन्यासी तो थे, ही परन्तु किस रूप मैं संन्यासी थे, कुछ उनके चरित्र की विशेषता थी, जानने के लिए अब उससे आगे..., , , , , , , , की ज )प्2>, फ़ादर बुल्के संकल्प से संन््यासी थे। कभी-कभी लगता है वह मन से संन्यासी नहीं थे। रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं, थे। दसियों साल बाद मिलने के बाद भी उसकी गंध महसूस होती थी। वह जब भी दिल्ली आते जरुर मिल्तेखोजकर, समय, निकालकर, गर्मी, सर्दी, बरसात झेलकर मिलते, चाहे दो मिनट के लिए ही सही। यह कौन संन्यासी करता है? उनकी चिंता, हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने को थी। हर मंच से इसकी तकलीफ़ बयान करते, उसके लिए अकाट्य तर्क देते।, बीएस इसी एक सवाल पर उन्हें झुँझलाते देखा है और हिंदी वालों द्वारा ही हिंदी की उपेक्षा पर दुख करते उन्हें पाया है।घरपरिवार के बारे मैं, निजी दुख-तकलीफ़ के बारे में पूछना उनका स्वभाव था और बड़े से बड़े दुख में उनके मुख से सांत्वना के, जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रौशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है। 'हर मौत दिखाती जीवन की, नई राह। 'मुझे अपनी पत्नी और पुत्र की मृत्यु याद आ रही है और फ़ादर के शब्दों से झरती विरल शांति भी।, , , , , , , , , , , , , , प्यारे बच्चो! उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर पूछे गए निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 5 क्रियाकलाप-2, , प्रश्न-1 फ़ादर कामिल बुल्के किस रूप मैं संन्यासी लगते थे?, प्रश्न-2 लेखक अनुसार फ़ादर को कब झुँझलाते देखा गया?, प्रश्न-3 फ़ादर बुल्के की कोई दो चरित्रगत विशेषता लिखिए।, प्रश्न-4 लेखक के अनुसार फ़ादर बुल्के का जीवन किस प्रकार का था?, , प्रश्न-5 फ़ादर बुल्के को हिंदी के बारे में क्या चिंता थी और उसके लिए वे क्या, प्रयास करते थे?, , , , , , , , , , , , कोविड के सन्दर्भ मैं उचित व्यवहार संबंधी (088) संदेश : कट, कोविड 19 के विरुद्ध लड़ाई में सुरक्षित रहने के लिए मास्क पहनें । <